गौरतलब है कि वे सोमवार को अपने आवास से अयोध्या के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुए। दिलावर को कार्यक्रम में शामिल होने का बाकायदा न्यौता मिला है। इस कार्यक्रम के दिलावर साक्षी बनेंगे। अयोध्या रवानगी से पहले स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और आमजन ने दिलावर का अभिनन्दन किया। उन्हें राम नामी दुपट्टा और साफा पहनाने के बाद गाजे-बाजे के साथ रवानगी दी गई। दिलावर अपने साथ हल्दीघाटी की मिट्टी का कलश साथ लेकर गए । गौरतलब है कि श्रीराम मंदिर निर्माण की नींव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रखेंगे।
ये है दिलावर का अयोध्या कनेक्शन
दरअसल, फरवरी 1990 के दौरान दिलावर ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सोच के साथ संकल्प लिया था। उन्होंने मंदिर निर्माण नहीं होने तक माला नहीं पहनने और अनुच्छेद 370 नहीं हटने तक ज़मीन पर ही सोने का संकल्प लिया था। दिलावर बताते हैं कि राजनीतिक में आने से पहले भी उनके मन में मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुकता थी और यही कारण था कि वे हर बार मंदिर के लिए कार सेवा में भी गए। वर्ष 1993 में जब विवादित ढांचा गिराया गया था तब भी वे वहां मौजूद थे। उसी रात वहां अस्थाई मंदिर बनवा दिया था।
दरअसल, फरवरी 1990 के दौरान दिलावर ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सोच के साथ संकल्प लिया था। उन्होंने मंदिर निर्माण नहीं होने तक माला नहीं पहनने और अनुच्छेद 370 नहीं हटने तक ज़मीन पर ही सोने का संकल्प लिया था। दिलावर बताते हैं कि राजनीतिक में आने से पहले भी उनके मन में मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुकता थी और यही कारण था कि वे हर बार मंदिर के लिए कार सेवा में भी गए। वर्ष 1993 में जब विवादित ढांचा गिराया गया था तब भी वे वहां मौजूद थे। उसी रात वहां अस्थाई मंदिर बनवा दिया था।