कोटा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। घर-घर कन्हाई जन्मे। मंदिरों में भी रात भर जन्मोत्सव की धूम रही। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद शालिगराम का पंचामृत स्नान कराया गया। पंचामृत, मिष्ठान, पंजीरी, फल और मेवे का भोग लगा। भजन कीर्तन कर श्रद्धालुओं ने उनके अवतरण की खुशियां मनाईं।
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कोटा में पाटनपोल स्थित नंदग्राम के मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव की सबसे ज्यादा धूम रही। मथुराधीश जी बड़े महाराज, महाप्रभु, बृजनाथ जी, फूल बिहारी जी, दाऊजी और सूरजपोल मंदिर समेत पूरे इलाके में परंपरागत तरीके से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।
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इस पावन अवसर पर मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण के जन्म और उनकी लीलाओं से जुड़ी झांकियां सजाई गई थीं। इन मनमोहक झांकियों के दर्शन करने के लिए पूरा कोटा शहर उमड़ पड़ा। भगवान विष्णु के सभी अवतारों की झांकियों ने भी भक्तों का जमकर मनमोहा।
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देवस्थान विभाग ने भी पहली बार कृष्णजन्मोत्सव को लेकर विशेष आयोजन किया। कोटा के पाटनपोल स्थित फूल बिहारी जी महाराज मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव सरकारी खर्च पर मनाया गया। आयोजन के लिए देवस्थान विभाग की ओर से 30 हजार रुपए की सरकारी आर्थिक सहायता दी गई।
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श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद रात में 12 बजे महाआरती का आयोजन किया गया। इसके बाद करीब तीन बजे मंगला आरती हुई। वहीं सुबह आठ बजे से पालना उत्सव मनाया गया। जिसे देखने के लिए लोगों की खासी भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर बृजनाथ जी बंगले में विराजे।
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भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर पूरा हाड़ौती कृष्ण मय हो गया। भक्तों ने पूरी रात अपने आराध्य के आगमन पर खुशियां मनाईं। गीत-भजन और कीर्तन कर उनका गुणगान किया।
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जन्मोत्सव के बाद से लेकर सुबह तक मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही।