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मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार का आकार कुंभलगढ़ के परकोटे से भी बड़ा है। जानकारी के अनुसार महाराणा कुंभा द्वारा बनवाया गया कुंभलगढ़ के किले का परकोटा 36 किमी लम्बा है, वहीं मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में बनाया जा रहा यह परकोटा 36.2 किलोमीटर का होगा। यह तो सिर्फ पक्का है। इसके अलावा तारों की 25 किलोमीटर लम्बी दीवार भी है।
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ऐसी है अपनी दीवार
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में प्रकृति और मानव के बीच सुरक्षा कवच के रूप में बनाई जा रही इस दीवार की लम्बाई 36.2 वर्ग किलोमीटर है। जंगलों में इंसानी गतिविधियों और इंसानी बस्तियों की बाघों से सुरक्षा के लिए कहीं भूभाग के अनुसार कहीं रेत, सीमंट और पत्थर से बनाई पक्की दीवार होगी। दीवार की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई करीब ड़ेढ़ फीट रखी गई है। इस पर करीब 4 फीट की अंदर की ओर घूमती मजबूत एंगलें लगाई गई हैं। जहां सीमेंट पत्थर से दीवार बनाना मुश्किल है, वहां चैनलिंक फैंसिंग से दीवार बनाई जा रही है। यह करीब 25 किलोमीटर लम्बी होगी।
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यह परकोटा यहां से वहां तक
यह दीवार मोरुकला से काला खुर्द, सावनभादो से मोरुखुर्द तक। फिर कनवास रोड से कनवास स्थित वन विभाग के रेंज कार्यालय तक व कनवास से छोटा सीमल्या तक और दरा गांव से दरा में लगे हुए ढाबों तक, अमजार से घाटी माता तक बनाई जा रही है। घाटी माता से छोटा सीमल्या तक तार फैंसिंग की गई है। इस तरह से इस कुल दीवार की लम्बाई करीब 53 किलोमीटर है, जो 82 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर कर रही है। दीवार के निर्माण समेत कुछ अन्य कार्यों पर कल 29 करोड़ 16 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
यह बनकर तैयार
36.2 किलोमीटर इस दीवार में से करीब 23 किलोमीटर का निर्माण किया पूरा हो चुका है। शेष दीवार का कार्य भी चल रहा है। दीवार निर्माण का कार्य गत वर्ष नवम्बर में शुरू किया गया था। वहीं चैनलिंक फैंसिंग से तैयार की जा रही दीवार भी करीब 7 किलोमीटर बनाई जा चुकी है।
36.2 किलोमीटर इस दीवार में से करीब 23 किलोमीटर का निर्माण किया पूरा हो चुका है। शेष दीवार का कार्य भी चल रहा है। दीवार निर्माण का कार्य गत वर्ष नवम्बर में शुरू किया गया था। वहीं चैनलिंक फैंसिंग से तैयार की जा रही दीवार भी करीब 7 किलोमीटर बनाई जा चुकी है।
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इसलिए बनाई जा रही
मुकुन्दरा हिल्स को 2013 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। गत वर्ष इसमें बाघों को बसाने की योजना पर कार्य शुरू हुआ। वर्ष 2017 के दिसम्बर माह में इसमें टाइगर लाकर छोडऩे की योजना बनी। हालांकि टागइर अभी लाए नहीं गए, लेकिन जल्द ही यहां टाइगरों को बसाया जाएगा। इनकी सुरक्षा के लिए दीवार बनाई जा रही है।
ऐसा है कुंभलगढ़ का परकोटा
राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित कुंभलगढ़ फोर्ट की दीवार विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार है। इसकी मजबूती और इसकी अटलता का अंदाज लगा लीजिए कि यह 36 किलोमीटर लम्बी है और 15 फीट चौड़ी बताई जाती है। कुंभलगढ़ किले का निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था। निर्माण 1443 में शुरू करवाया गया था। वर्ष 2013 में इसे विश्व धरोहर में शामिल किया गया।
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मेरी नजर में पहली दीवार
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक टी. मोहन राज ने बताया कि टाइगर को सुरक्षित रखने के लिए दीवार बनाई जा रही है। यह 36.2 किलोमीटर लम्बी है। जहां तक मेरी जानकारी है। इतनी लम्बी दीवार कम से कम किसी टाइगर रिजर्व में तो नहीं है। करीब 23 किलोमीटर दीवार का निर्माण किया जा चुका है। इसके अलावा चैनलिंक फैंसिंग करके भी करीब 25 किलोमीटर दीवार बनाई जा रही है।