राजस्थान के इस बडे़ अस्पताल की कैंटीन में चूहे खाने के साथ बीमारियां फ्री में परोसते हैं
यह है मामला
डोल्या ग्राम पंचायत की ओर से 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभा में शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद 3 अक्टूबर को कलक्टर को डोल्या पंचायत में शराब के ठेके बंद करने के लिए ज्ञापन दिया। तब पता चला वहां कोई ठेका स्वीकृत ही नहीं है। इसके बाद थानाधिकारी ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। अब शराब की दुकानें बंद कराने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में माफिया की ओर से धमकियां दी जा रही हैं।
हाथ धोकर पीछे पड़ा है डेंगू, एक बार तो बच निकले, जानिए अब दोबारा कैसे बचें
ऐसे हुआ संवाद
माफिया सरपंच से – ‘आपके लिए यह बहुत हानिकारक होगा, दुबारा सरपंच नहीं बनना क्या। रानपुर से आगे आए तो समझो मर गए।’
सरपंच- मैं कौनसा पीता हूं जो मेरे लिए हानिकारक होगा।
माफिया – ये समय बताएगा कि आगे क्या होगा, हम ठेका चलाना चाहते हैं और आप सरकार से मना करा रहे हैं।
सरपंच- जनता पीना नहीं चाहती तो मैं जनता के साथ हूं।
माफिया- चुनाव करवा लो, जनता चाहती है कि नहीं। आप दो बार चुनाव लड़ लिए तो और सरपंच बन गए तो अपने को मुख्यमंत्री समझने लग गए क्या।
(इसके बाद सरपंच को फोन पर गालियां दी गई। सरपंच के मोबाइल सेट में पूरा संवाद रिकॉर्ड हो गया।)
अचानक ट्रेन में सवार हो गए रेल मंत्री, यात्रियों से पूछने लगे हालात सुधारने के लिए क्या करूं
एफआईआर दर्ज कराएंगे
सोमवार को फोन करके मुझे रानपुर से आगे आने पर जाने से मारने की धमकी दी गई और गाली-गलौच की। मंगलवार को एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। धमकाने वाले शख्स ने पहले अपना नाम छीतर और बाद में अमरकुंआ निवासी भागचंद बताया और घर पर आकर मारने की धमकी दी।
नंदलाल मेघवाल, सरपंच डोल्या
सरपंच-आप तो कह रहे हो आपको सरपंच नहीं बनना है क्या, इधर नहीं आना है क्या
सरपंच-तो, आप क्या समझते हो मैं डर जाऊंगा माफिया-डरने वाली बात नहीं है, डराने में तो हम अच्छे-अच्छे को डरा देते हैं
सरपंच -हां
सरपंच-मेरे को पता नहीं है, मेरा समूह से क्या मतलब माफिया-यह बात रिकॉर्ड हो रही है, इसलिए पूछ रहा हूं
सरपंच -मेरे को पता नहीं है भैया
सरपंच-सरपंच क्या अंतरयामी थोड़ी होता है भैया, जो हर चीज याद हो, कोई आदेश आता है तब पता रहता है माफिया -आप मुख्य आदमी हैं हमारे, इसलिए पूछ रहे हैं
सरपंच-मेरे को पता नहीं है भैया
दूसरा माफिया-हैलो अरे कितनी बसें आएंगी 25 को डोलिया में सरपंच -आप कौन बोल रहे है
माफिया-अरे जो बोल रहे हैं बोल रहे हैं सरपंच-नाम बताओ ना फिर बताऊंगा
माफिया-तेरी…..अपशब्द, डोलिया आकर देखना अबकी बार, सुन मेरी बात,तेरी…..
माफिया-तेरे घर आऊं क्या, दफ्तर आऊं क्या सरपंच-तेरे जैसे से बात नहीं करता हूं मैं
माफिया-घर पर आऊं क्या तेरे सरपंच-मै भी रिकॉर्ड कर रहा हूं, सब पता लगा लूंगा कौन बोल रहा है तू
सरपंच-तो फिर वहां से आदेश लिया ना मेरे को फोन क्यों कर रहा है माफिया-अगर 25 को कुछ हो गया ना तो ….
सरपंच-मेरा क्या करेगा तू
सरपंच-अरे भैया मै तो इंसान हूं, इंसान पीएम बन जाए तो भी इंसान ही रहता है माफिया- बेलदार है तू बेलदार ही रहेगा। औकात में बात कर
सरपंच-तू सिखाएगा मेरे को औकात
माफिया-आकर देख, जो ही तू रानपुर पार कर गया समझो मर गया बस सरपंच -हां यही कहलाना था तुमसे भैया
माफिया-बहुत बड़ी भूल कर दी तेरे को सरपंच बनाकर
माफिया-अब तू कुछ बनकर दिखाना मेरे को सरपंच-सब समय बनाता है, परमात्मा बनाता है