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बड़ी सफाई से की थी हत्या पुलिस जांच में सामने आया कि आशा परीक की हत्या संपत्ति के विवाद के चलते ससुराल पक्ष के लोगों ने ही की है। अपर लोक अभियोजक बी.पी. दाधीच ने बताया कि हत्या की साजिश रचने वाले जयपुर से कोटा आए और गुमानपुरा स्थित होटल में ठहरे। उन्होंने मौका देखकर आशा की हत्या की ओर इसके बाद यहां से फरार हो गए।
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पांच लोगों को पुलिस ने बनाया था आरोपी आशा पारीक हत्या कांड में पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिसमें जयपुर निवासी देवर जेठ लोकेश पारीक, विकास पारीक और ताऊ ससुर शंकर पारीक के साथ ही अन्य रिश्तेदारों शम्भुदयाल पारीक और उसके भाई दाऊदयाल को हत्या का आरोपी बनाया। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। तीन साल तक चली सुनवाई के बाद एडीजे कोर्ट 3 ने लोकेश, विकास और शंकर पारीक को आशा पारीक की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं बाकी दोनों लोगों को बरी कर दिया। सजा सुनाने के बाद पुलिस ने तीनों लोगों को जेल भेज दिया।