ये है नियम
राज्य सरकार व आरटीई के नियमों के अनुसार स्कूलों में 30 बच्चों पर 1, 60 पर 2 व 120 पर 3 शिक्षकों का होना जरूरी है, लेकिन कई स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं लगे हैं। नियमानुसार यहां दो शिक्षक होने चाहिए।
ये कैसा समानीकरण
गणेशपाल स्कूल में जुलाई 2017 में कक्षा 1 से 5वीं तक 28 छात्र व 30 छात्रा व कक्षा 6 से 8वीं तक 14 छात्र व 13 छात्रा अध्ययनरत थे। उस समय यहां दो शिक्षिका कार्यरत थी, लेकिन समानीकरण के कारण यहां कार्यरत एक शिक्षिका ललिता वर्मा अन्य स्कूल में चली गई। इस कारण एक शिक्षिका आशा भट्ट ही कार्यरत रह गई।
विद्यार्थी छोड़ चुके स्कूल
शिक्षक नहीं होने से कई विद्यार्थी स्कूल छोड़ चुके हैं। यहां वर्तमान में 62 विद्यार्थी हैं। कक्षा पांचवीं तक 46, कक्षा 8वीं तक 16 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। शिक्षकों के नहीं होने से अद्र्ध वार्षिक परीक्षा का कोर्स भी पूरा नहीं हो सका है।
शिक्षिका आशा भट्ट ने कहा कि स्कूल में शिक्षक लगाने के लिए डीईओ ऑफिस को अवगत करा चुकी हूं। यदि छुट्टी लूंगी तो स्कूल बंद हो जाएगी। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इस कारण छुट्टी भी नहीं ले
पा रही।
पा रही।
इंटर्न अभ्यर्थियों का लगाएंगे
शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी प्रारंभिक देवीलाल गोचर ने कहा कि स्कूल में एक ही शिक्षक होने की सूचना मिली है। यहां जल्द बीएड इंटर्नशिप अभ्यर्थियों को लगाया जाएगा, ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो।
शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी प्रारंभिक देवीलाल गोचर ने कहा कि स्कूल में एक ही शिक्षक होने की सूचना मिली है। यहां जल्द बीएड इंटर्नशिप अभ्यर्थियों को लगाया जाएगा, ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हो।