कोटा

लैब टेक्नीशियन की हड़ताल से हॉस्पिटल में लड़खड़ाई व्यवस्था

राजस्थान के लैब टेक्नीशियन 72 घंटे के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। जिसके बाद हॉस्पिटल्स की व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं।

कोटाSep 08, 2017 / 08:42 am

​Vineet singh

Lab technician on strike in rajasthan

स्वाइन फ्लू और डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच राजस्थान के सरकारी हॉस्पीटल में तैनात लैब टेक्नीशियन हड़ताल पर चले गए। जिसके चलते संक्रामक बीमारियों के नमूने लेना तक मुश्किल हो गया। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर रेजीडेंट डॉक्टर और लैब सहायकों को व्यवस्था में लगाया गया, लेकिन इससे भी हालात काबू में नहीं आए। हालात यह हैं कि अकेले कोटा में 300 ब्लड सेम्पल्स की नंबरिंग तक नहीं हो सकी है।
कोटा में स्वाइन फ्लू व डेंगू के साथ अन्य मौसमी बीमारियों से बेकाबू हालात के बीच जांचों की जिम्मेदारी निभाने वाले लेबोरेट्री टेक्नीशियन राज्यव्यापी आह्वान पर पांच सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार से 72 घंटे के सामूहिक अवकाश पर चले गए। इससे सरकारी हॉस्पीटल्स में जांच व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई। जांच का आंकड़ा रोजमर्रा के 10 फीसदी तक ही पहुंच पाया। हॉस्पिटल प्रशासन ने वैकल्पिक तौर पर रेजीडेंट व लैब सहायकों को रक्त के नमूने लेने में लगाया। लेकिन शाम को वैकल्पिक व्यवस्था की पोल खुल गई। कई मरीजों को रिपोर्ट नहीं मिली।
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हालात हुए बेकाबू

लैब टेक्नीशियन के अवकाश पर चले जाने से मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एमबीएस, जेके लोन, न्यू हॉस्पिटल व रामपुरा हॉस्पिटल में लैबों में सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें लगी रही। वैकल्पिक तौर पर लगाए रेजीडेंट व लेब सहायक पूरी तरह व्यवस्था नियंत्रण नहीं कर पाए। लोगों ने इस पर नाराजगी भी जताई। सीमल्या से आए पृथ्वीलाल ने बताया कि हॉस्पीटल में उनकी सास ललता बाई भर्ती हैं, बुखार है। सुबह लैब में जांच कराई थी, लेकिन शाम को रिपोर्ट देने से मना कर दिया। कह रहे कि कल आना। इसी प्रकार अकलेरा के कोमल मेहरा ने बताया कि उनके परिजन को लीवर की समस्या होने पर लैब में रक्त की जांच कराई थी, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिली।
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नम्बरिंग नहीं हुई, सेम्पल बिगड़े

संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल एमबीएस की सेंट्रल लैब में मरीजों की जांच के साथ खिलवाड़ के आरोप भी उठे। हॉस्पिटल प्रशासन ने लैब में वैकल्पिक व्यवस्था में रेजिडेंट डॉक्टर्स लगाए हैं। रेजिडेंट्स ने मरीजों के सेम्पल भी लिए। हड़ताल पर गए तकनीशियनों ने आरोप लगाया कि कार्मिकों के अभाव में लैब में सेम्पल्स पर नम्बरिंग नहीं हुई। इससे करीब 300 सेम्पल खराब होने की स्थिति में पहुंच गए। जानकारों की मानें तो सेम्पल को 2 घण्टे से ज्यादा रखने पर हिमोलाइज्ड हो जाता है। 
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टेक्नीशियन ने दिया धरना

अखिल राजस्थान लेबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने एमबीएस हॉस्पिटल में सेन्ट्रल लैब के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ जिलाध्यक्ष आनंद सोनी ने बताया कि कर्मचारियों ने बताया कि कर्मचारी 9 सितम्बर तक 72 घंटे सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। फिर भी सरकार ने मांगें नहीं मानी तो पूरे राजस्थान के लैब टेक्नीशियन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। फिर भी सुध नहीं ली तो अनिश्चतकालीन सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।
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व्यवस्था बनाने में जुटे

सेन्ट्रल लैब प्रभारी नवीन सक्सेना ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अलग-अलग विभागों के रेजीडेंट व लैब सहायक लगाए हैं। उन्होंने ही सेम्पल लिए और रिपोर्ट तैयार की। किसी मरीज की जांच नहीं रुकी। सभी को रिपोर्ट दी गई। लैब में जरूर इन कर्मचारियों के अवकाश पर रहने से काम की स्पीड कम हुई है। कुछ जरूरी रिपोर्ट रात को ही दी जाती है।

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