scriptDowry Case kota: सामाज से दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए एकजुट हुई कोटा की महिलाएं | Kotas women supported Dr rashi | Patrika News
कोटा

Dowry Case kota: सामाज से दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए एकजुट हुई कोटा की महिलाएं

कोटा की हर महिला हिम्मती बेटी डॉ राशि के साथ खड़ी है, दहेज लोभियों को दिए करारे जवाब का महिलाओं ने समर्थन किया।

कोटाDec 07, 2017 / 01:36 pm

ritu shrivastav

Dowry Case in India, Cancellation of marriage, Cancellation of marriage, dowry system in India, Dowry Prohibition Act, Kota News, Dowry Case in Kota, Kota, Kota Patrika, Kota Patrika News, Rajasthan Patrika

डॉ राशि

कोटा . शादी में एक करोड़ रुपए दहेज की मांग करने वाले ग्वालियर के दहेज लोभी दूल्हे की बारात को बैरंग लौटाकर कोटा की बेटी डॉ. राशि सक्सेना के जो साहसिक कदम उठाया है, उसे शहर की महिलाओं ने सराहा है। उन्होंने राशि के फैसले को समर्थन देते हुए इसे दहेज लोभियों के मुंह पर करारा तमाचा बताया। साथ ही कहा कि ऐसा साहस यदि हर बेटी दिखाने लग जाए तो दहेज की आग में एक भी बेटी को जलना नहीं पड़े। समाज साथ खड़ा होगा, तभी यह बुराई जड़ से खत्म होगी। पत्रिका ने शहर की प्रबुद्ध महिलाओं से इस विषय में बात की तो समवेत स्वर में सभी ने कोटा की बेटी का साथ दिया।
किसी से कम नहीं लड़कियां
कोटा की बेटी ने जो सराहनीय कदम उठाया, उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। डॉ. राशि के इस निर्णय ने दहेज लोभियों को तो सबक सिखाया ही है, साथ ही यह भी सिद्ध कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं। दहेज की बुराई को मिटाने के लिए ऐसे कड़े फैसले लेने होंगे। – डॉ. रत्ना जैन
घिनौनी मानसिकता को करारा जवाब
डॉ. राशि ने सामाजिक बुराई के खिलाफ साहसिक कदम उठाया है। शिक्षित परिवार द्वारा दहेज मांगना घिनौनी मानसिकता का प्रतीक है। कोटा की बेटी ने करारा जवाब दिया है। परिजन बेटी को जीवनभर दें, लेकिन शादी में लेन-देन नहीं करें। दहेज प्रताड़ना में 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। – एडवोकेट कल्पना शर्मा
अपराध करने वाले को आए शर्म
दहेज लेना व देना अपराध हैं। यह बुराई अभी भी समाज में व्याप्त है। अधिकतर लड़की वाले बदनामी के डर से इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते। डॉ. राशि ने जो निर्णय लिया है, उससे उन्हें न तो घबराने की जरूरत है न परेशान होने की। शर्म तो उस परिवार को आनी चाहिए, जिसने दहेज मांगा। – निधि गुप्ता, सीए
कानून का उपयोग करना चाहिए
बेटियों की रक्षा और दहेज लोभियों को सबक सिखाने के लिए ही दहेज विरोधी कानून बना है। बेटियों को दहेज लोभियों के चंगुल में नहीं फंसकर उनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। डॉ. राशि के परिवार को भी वर पक्ष के खिलाफ उसी समय रिपोर्ट देकर पकड़वाना चाहिए था। – डॉ. सीमा सोरल, व्याख्याता
परिवार को सजा मिले
खुलेआम दहेज मांगना उस परिवार की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। कोटा की बेटी ने जो कदम उठाया है, उसका सभी समर्थन करते हैं। दहेज लोभी परिवार को सख्त सजा मिलनी चाहिए और शादी में लड़की वालों की खर्च हुई रकम को भी लड़के वालों से वसूलना चाहिए। – सुमन भंडारी, काउंसलर
लड़कियां अब मजबूर नहीं
लड़कियां अब लड़कों से किसी भी सूरत में कम नहीं न ही मजबूर। नारी सशक्त और शिक्षित हो रही है। ऐसे में शिक्षित परिवार की लड़की ने जो यह कदम उठाया है वह काबिले तारीफ है। डॉ. राशि का यह कदम न केवल शिक्षित बल्कि ग्रामीण परिवेश की अशिक्षित लड़कियों के लिए प्रेरणा है। – निशा जैन, अध्यक्ष दिगम्बर जैन महिला प्रकोष्ठ
अपराधी बचने नहीं चाहिए
दहेज के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। डॉ. राशि ने शादी का मंडप सजने के बाद ऐसा निर्णय लेकर वाकई साहसिक काम किया है। उनकी जितनी प्रशांसा की जाए कम है। उन्होंने जो पहल की है, उससे अपराधी बचने नहीं चाहिए। उन्हें सबक मिले तभी यह कदम सार्थक होगा। – शशि अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता
हर लड़की हो इतनी साहसी
हर लड़की डॉ. राशि की तरह साहसी हो तो समाज से बुराइयां स्वत: ही खत्म हो जाए। हर लड़की को अपने फैसले खुद लेने चाहिए। आज देश व समाज को कोटा की इस बेटी जैसी बेटियों की जरूरत है। उन्होंने जो काम किया, उसे शायद ही कभी भुलाया जा सकेगा। – निधि प्रजापति
माता-पिता ने निभाया साथ
लड़कियों को बोल्ड होना चाहिए। इस निर्णय से रास्ते अपने आप खुल जाएंगे। माता-पिता ने इतना खर्च करने के बाद व समाज की परवाह किए बगैर अपनी बेटी का साथ दिया, वह अच्छा है। एेसा कदम अन्य लड़कियां भी उठाएंगी तो मान सम्मान बढेग़ा। – सुनीता माथुर, लॉयनेस क्लब डायरेक्टर
फिल्म में देखने को मिलता था
राशि ने एक नहीं कई राशियों को बचाया है। पढ़ी-लिखी लड़कियां एेसा कदम बढ़ाती हैं तो अन्य वर्ग को भी हिम्मत मिलती है। पहले फिल्मों में ही देखने को मिलता था, जब बेटी बारात लौटा देती थी, लेकिन अब हकीकत में देखने को मिला, जो सराहनीय है। – नीलम विजय, सचिव विजयवर्गीय महिला मंडल कोटा
बाकी लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी
दहेज सामाजिक बुराई है। शादी का रिश्ता होने के बाद प्राथमिक स्टेज पर ही दहेज का विरोध करना चाहिए। राशि के निर्णय से कई लड़कियों को हिम्मत मिलेगी। समाज के लिए पॉजीटिव निर्णय है। दहेज प्रथा को जड़ से उखाडना है तो एेसी पहल करनी होगी। – सीमा घोष, परिवार कल्याण समिति सदस्य
टाइम से लिया गया निर्णय
डॉ. राशि द्वारा लिया गया अच्छा निर्णय है। राशि ने टाइम से निर्णय लिया है। यदि शादी के बाद विरोध होता तो बहुत देर हो जाती। इस निर्णय से उनके माता पिता को भी संबल मिला है। उन्होंने पहले अपने आप को मजबूत बनाया, फिर करारा जवाब दिया। – पुष्पांजलि विजय, जिलाध्यक्ष अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन
दहेज आज भी एक समस्या
हम भले कितने ही जागरूक हो गए हों, लेकिन दहेज आज भी समस्या बना हुआ है। लड़कियों को अपने सही-गलत का फैसला करने की आजादी है और उसे निर्णय लेना चाहिए। लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं तो हम इस क्षेत्र में पीछे क्यों रहें। – प्रियंका गुप्ता, अभिलाषा संस्था
लड़के की डिग्री निरस्त हो
जिस परिवार ने इतनी निंदनीय हरकत की है, उस परिवार का खुलकर विरोध होना चाहिए, वहीं डॉक्टर होने के बाद भी इतनी निम्न सोच रखने वाले की डिग्री छीन लेनी चाहिए। ये कदम आगे लोगों को प्रेरणा देगा। हम कोटा की बेटी के साथ हैं। – माही जैन, एडवोकेट

Hindi News / Kota / Dowry Case kota: सामाज से दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए एकजुट हुई कोटा की महिलाएं

ट्रेंडिंग वीडियो