कोटा

कोटा के दैदीप्य की फिल्म सांकल को मिले 14 अवार्ड, दिखाई राजस्थान की कुप्रथा

दैदीप्य जोशी की कहानी ‘सांकल’ खोलेगी सामाजिक बुराई बाल विवाह के कड़वे राज। फिल्म को अन्तरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहा और करीब 14 अवॉर्ड दिए हैं।

कोटाNov 25, 2017 / 04:45 pm

ritu shrivastav

कहानी ‘सांकल’

कोटा . चौंकना लाजिमी है…! जब एक 11 साल के लड़के की शादी 26 साल की लड़की से कर दी जाए। ऐसे में उनका जीवन कैसा होगा, कैसे उनकी जिन्दगी कटेगी। फिल्म सांकल की अनोखी कहानी बाल विवाह के कुछ ऐसे ही कड़वे राज खोलेगी। दरअसल, फिल्म की कहानी के पीछे एक संदेश है, जो देश के उन हिस्सों की हकीकत बयां करता है, जहां आज भी ऐसी सामाजिक समस्याएं बरकरार हैं। फिल्म राजस्थान में होने वाले बाल विवाह की थीम पर बनी है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे बाल विवाह का खामियाजा उठाना पड़ता है।
यह भी पढ़ें

13 साल से लोगों के लिए मुसिबत बना कोटा का यह सामुदायिक भवन

कुछ एेसी है फिल्म की कहानी

डायरेक्टर दैदीप्य जोशी व उनकी पत्नी आरती जोशी ने बताया कि फिल्म में राजस्थान और पाकिस्तान बॉर्डर के पास स्थित एक गांव की कहानी है। गांव में समाज की पवित्रता बनाए रखने के लिए लड़कियों की शादी अपने ही समुदाय में कर दी जाती है। कहानी एक 26 साल की लड़की के आस-पास घूमती है, जिसकी शादी 11 साल के बच्चे से करा दी जाती है। फिर उनकी जिंदगी में कैसी उठापटक शुरू होती है, इसे दिखाया है। कहानी सच्ची घटना पर आधारित बताई गई है।
यह भी पढ़ें
निगम बोर्ड के 3 साल पूरे: हकीकत की जमीन पर पस्त हो गए…निगम के वादे

पवित्रता के नाम पर कुप्रथा

सांकल राजस्थान के दूर-दराज इलाकों में प्रचलित कुरीति को सामने लाती है, जिसने हजारों जिंदगियां बर्बाद कर दी। इसमें एक गांव के लोगों ने दूसरे गांवों की बेटियों से अपने बेटों का तो ब्याह कर दिया, लेकिन रक्त की शुद्धता के नाम पर दूसरे गांवों में बेटियां ब्याहना बंद कर दिया। धीरे-धीरे ये बेटियां बड़ी हुईं तो समस्या खड़ी हो गई। पंचों ने तय किया कि गांव के ही छोटे-छोटे लड़कों से इन युवतियों का विवाह किया जाए। यह कोई हल नहीं था और समस्या अधिक जटिल हो गई।
यह भी पढ़ें
अनूठी पहल: कचरा संग्रहण का कारगर तरीका, रेस्टोरेंट की झूठन से बना रहे बॉयो गैस

14 अवार्ड मिले

फिल्म 28 नवम्बर को कोटा सहित कई शहरों में रिलीज होगी। कोटा में रात 8 बजे से फन सिनेमा में दिखाई जाएगी। फिल्म को अन्तरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहा गया है और करीब 14 अवॉर्ड मिले चुके हैं। सांकल फिल्म में चेतन शर्मा, तनिमा भट्टाचार्य, हरीश कुमार, जगत सिंह, समर्थ शांडिल्य और मिलिंद गुनाजी अहम भूमिका में है। बीकानेर में फिल्म की शूटिंग के दौरान कोटा के प्रोड्यूसर सुभाष सोरल ने भी निर्देशन किया।
Read More: तेजी से फैल रहा वीसी का ज़ाल, आम जन बेहाल और मुनाफाखोर मालामाल

एक दिन एक शो में रिलीज होगी

फिल्म के निर्माता निर्देशक दैदीप्य बताते हैं कि यह कला फिल्म है और यही कारण है कि सांकल 28 नवम्बर को केवल एक दिन एक शो में रिलीज़ हो रही है। ऐसी इंडिपेंडेंट फिल्मों को सपोर्ट करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिलते। उनके अनुसार इस थियेटर रिलीज के बाद सांकल को डिजिटल प्लेटफार्म पर जारी किया जाएगा। कोटा के दर्शक इसे 28 नवम्बर को शाम 8 बजे से 10 के बीच देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें

चैन से सो रहे प्रशासन को शिकायतों को ढेर भी नहीं जगा पा रहा है

कोटा के हैं डायरेक्टर

डायरेक्टर दैदीप्य जोशी मूलत: कोटा निवासी हैं। जन्म के बाद प्राथमिक शिक्षा कोटा में हुई। इसके बाद वे जयपुर चले गए। 1992 में वे असिस्टेंट डायरेक्टर बने। 1999 में उन्होंने अपना पहला टीवी सीरियल डायरेक्ट किया। 16 साल के कॅरियर में वे करीब 7 टीवी सीरियल, कई डॉक्यूमेंट्री और कई एड फि ल्में बना चुके हैं। कोटा के हैं डायरेक्टर

संबंधित विषय:

Hindi News / Kota / कोटा के दैदीप्य की फिल्म सांकल को मिले 14 अवार्ड, दिखाई राजस्थान की कुप्रथा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.