स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोटा जिला जल्द ही ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) होने वाला है। जिले की सात ग्राम पंचायतें ओडीएफ होना बची हैं। इन पंचायतों को दिसम्बर तक ओडीएफ करना था, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं हो पाई। अब जिला परिषद ने 15 जनवरी तक इन ग्राम पंचायतों को भी ओडीएफ करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है।
जिले को 2018 तक कोटा कंचन बनाना है। इसके तहत जिले को ओडीएफ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोटा जिले में 155 ग्राम पंचायतें हैं, इनमें से 148 ओडीएफ हो चुकी हैं।
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यह रह गई शेष लाडपुरा ब्लॉक की बनियानी, बोराबास, कोलाना, काल्याखेड़ी, इटावा ब्लॉक की अयाना, कैथूदा, लक्ष्मीपुरा ग्राम पंचायतें ओडीएफ होने से बची हैं। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें 150 परिवारों के हिसाब से कम्प्यूनिटी टॉयलेट बनाए जा रहे हैं। एक यूनिट में आठ-आठ ब्लॉक बनाए जा रहे हैं।
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स्वच्छ पंचायतों में लगाए सफाई कार्मिक
भविष्य में भी ओडीएफ घोषित हो चुकी स्वच्छ पंचायतों में मनरेगा के तहत सफाई कर्मचारी लगाए हैं। अब तक 41 ग्राम पंचायतों में सफाई कार्मिक लगाए जा चुके हैं। शेष पंचायतों में भी जल्द कार्मिक लगाने की प्रक्रिया चल रही है। जिला परिषद सीईओ आर. डी. मीणा का कहना है कि जिले को कंचन कोटा बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 15 जनवरी तक शेष ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर देंगे। वर्तमान में जिन पंचायतों में शौचालयों की दिक्कत आ रही है। वहां कम्प्यूनिटी टॉयलेट बनाए जा रहे हैं।