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ना सूचना दी, ना किया इनकार बसंत विहार निवासी प्रवीण कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत कोटा विश्वविद्यालय से नम्बर2013 में सूचना मांग थी, लेकिन विवि के अफसरों ने ना तो सूचना दी और ना ही इससे इनकार किया। विश्वविद्यालय के इस रवैये के खिलाफ प्रवीण कुमार ने जब राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया तो विश्वविद्यालय ने आयोग के आदेश पर साढ़े तीन साल बाद जून 2017 में सूचना उपलब्ध कराई। यह भी पढ़ें
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जिम्मेदार अफसरों पर गिरेगी गाज आयोग ने निर्णय में लिखा है कि परिवादी को सूचना प्रदान कर दी गई है, लेकिन सूचना विलम्ब से उपलब्ध करवाई गई है। जिसके लिए संबंधित अधिकारी को दोषी पाया जाता है। परिवाद ने आयोग के समक्ष पेश होकर अवगत कराया कि द्वितीय अपील में सूचना देने का निर्णय पारित होने के बाद भी सूचना विलम्ब से उपलब्ध कराई गई है। इसलिए प्रत्यर्थी को दण्डित किया जाए। आयोग ने कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देशित कियाहै कि दोषी लोक सूचना अधिकारी के विरूद्ध 60 दिन में अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कर आयोग को जानकारी उपलब्ध कराएं। यह भी पढ़ें