कोर्ट ने आज सुनाया ये फैसला
एससी/एसटी कोर्ट ने राजावत और महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने का दोषी माना। दोनों को धारा 332 के तहत 3 साल की सजा सुनाई गई और 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। हालांकि, एससी/एसटी एक्ट की धारा-3 के तहत उन्हें बरी कर दिया गया। यह भी पढ़ें
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हाईकोर्ट में करेंगे अपील- राजावत
फैसले के बाद भवानी सिंह राजावत ने कहा कि मैंने केवल डीसीएफ के कंधे पर हाथ रखा था, थप्पड़ नहीं मारा। मुझे भरोसा है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा। उनके वकील पृथ्वीराज शेखावत ने बताया कि कोर्ट ने सजा सस्पेंशन एप्लिकेशन स्वीकार कर ली है। अब हाईकोर्ट में अपील के लिए एक महीने का समय दिया गया है।क्या था थप्पड़कांड मामला?
बताते चलें कि यह मामला मार्च 2022 का है। तब कोटा में दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर यूआईटी के पैचवर्क को वन विभाग ने रुकवा दिया था। इस बात से नाराज होकर 31 मार्च 2022 को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत अपने समर्थकों के साथ कोटा के राजभवन रोड स्थित वन विभाग के कार्यालय पहुंचे। वहां डीसीएफ रवि मीणा ने बातचीत का प्रयास किया, लेकिन आरोप है कि बातचीत के दौरान राजावत ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद डीसीएफ ने इस मामले में नयापुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने राजावत और उनके समर्थकों पर धारा 332, 353, 34 और 3 (2)(va) एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। राजावत को 1 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था और 10 दिन जेल में बिताने के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।