यह भी पढ़ें
देश का पहला स्टूडेंट फ्रैंडली रेलवे स्टेशन बनेगा कोटा जंक्शन, कोचिंग्स के लाखों छात्रों को मिलेंगी ये सुविधाएं
बॉण्ड भरवाए
जापान से प्रशिक्षण लेकर आए सभी अधिकारियों से रेलवे बंधक पत्र भरवाए हैं। इसमें उनकी नियुक्ति भविष्य में कभी भी बुलेट ट्रेन परियोजना में की जा सकती है। इसके लिए वे तैयार रहे। इनमें चार भारतीय रेल यातायात सेवा के अधिकारी है। इसके अलावा इंजीनियरिंग, यांत्रिक, लेखा और कार्मिक विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें
रेलवे ने तय की स्टेशनों की नई श्रेणियां, कोटा जंक्शन एनएसजी-2 श्रेणी में शामिल
सेफ्टी को लेकर बहुत कुछ सीखा
जापान से लौटे कोटा मंडल के वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डॉ. रामनिवास से पत्रिका बात की। उन्होंने बताया कि 15 दिवसीय ट्रेनिंग में सेफ्टी से जुड़ी नई तकनीकी की जानकारी मिली। बहुत सी चीजें बिल्कुल नई देखने और सीखने को मिली। जापान में रेलवे सात कंपनियों में बंटा हुआ है। वहां प्रतिदिन लगभग 50 लाख यात्री टे्रन में सफर करते हैं। तकनीक ऐसी है कि भूकंपन होने या तेज हवा चलते पर ट्रेन ठहर जाती है। वहां सेंसर तकनीक का उपयोग ज्यादा है।
यह भी पढ़ें
OMG! अब रेलवे अधिकारी ग्रीटिंग कार्ड भेजकर अपने मित्रों को नहीं दे सकेंगे नववर्ष की शुभकामनाएं
2022-23 तक बुलेट ट्रेन का प्रस्तावित है
साबरमती और मुम्बई के बीच 508 किमी के मध्य रेल पटरी जमीन के ऊपर स्तंभों पर आधारित होगी। इसमें 12 स्टेशन होंगे। अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जबकि संचालन गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। मुम्बई से साबरमती के बीच यात्रा अवधि 2.7 घंटे होगी। रास्ते में पडऩे वाले सभी स्टेशनों पर रूकने वाली ट्रेन के लिए यह अवधि 2.58 घंटे होगी। वर्ष 2022-23 में इस परियोजना को पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। परियोजना की अनुमानित लागत 1,08000 करोड़ रुपए है। कुल परियोजना लागत की 81 प्रतिशत राशि जापान सरकार ने ऋण के रूप में उपलब्ध कराई है। 1 प्रतिशत ब्याज दर वाला यह ऋण 15 वर्षों की अनुग्रह अवधि के साथ 50 वर्षों में देय होगा।