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पिछले दिनों एकाएक बढ़े अपराधों को देखते हुए ऐसा लग रहा था कि फिर से चाकूबाजी व हत्याओं का दौर शुरू हो गया। इस साल अब तक रिकॉर्ड 26 हत्याएं, घरों के ताले तोड़कर चोरी व शादी समारोह से लाखों रुपए की चोरी, राह चलती महिलाओं से चेन-पर्स स्नेचिंग और ज्वैलर्स से लूटपाट जैसे गम्भीर मामलों ने शहरवासयों में भय का माहौल बना दिया था। ऐसा लगने लगा कि अपराधियों में पुलिस का भय खत्म हो रहा। इसी बीच मुख्यालय की ओर से नवम्बर की मासिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की गई। इसमें कोटा शहर पुलिस ने राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। शहर पुलिस की ओर से इस साल नवम्बर तक गुंडा एक्ट के तहत 181 परिवाद अदालत में पेश किए गए।
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यह है स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार कोटा शहर पुलिस को 98.05अंक मिले हैं। दूसरे स्थान पर रही कोटा ग्रामीण पुलिस को 96.50, तीसरे स्थान पर रहे झालावाड़ को 95.80व चौथे स्थान पर बारां जिला रहा, जिसे 85.20 अंक मिले, जबकि9वें स्थान पर रहे बूंदी को 76.56 अंक मिले। इससे पहले अक्टूबर की रिपोर्ट में पहले पांचों स्थान पर कोटा रेंज के ही जिले रहे थे, जबकि कोटा शहर पुलिस अगस्त में भी नम्बर एक पर रही थी। दो माह बाद फिर से शहर पुलिस ने पहला स्थान प्राप्त किया।
मूल्यांकन के पैरामीटर
पुलिस की मासिक कार्य रिपोर्ट का मूल्यांकन 30 पैरा मीटर के आधार पर होता है। इनमें लम्बित मुकदमों का निस्तारण, महिला अत्याचार संबंधी मुकदमों के निस्तारण में शीघ्रता, गुण्डा एक्ट की कार्रवाई सहित अन्य मापदंड शामिल हैं। हर कार्रवाई के हिसाब से अंक मिलते हैं। उसके बाद एसपी स्वयं, आईजी व एडीजी समेत अन्य अधिकारी भी अपने-अपने हिसाब से अंक देते हंै। उनके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।