कोटा

कोटा में पुलिस का तांड़व… रात में घरों से निकालकर महिला और बच्चों को पीटा

दुष्कर्म और हत्या के आरोपित को थाने से छोडऩे का विरोध करना अजय आहूजा नगर के लोगों को भारी पड़ गया। पुलिस ने उन्हें रातभर पीटा।

Oct 02, 2017 / 10:15 am

​Vineet singh

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पत्रिका टीम इस बस्ती में गई और करीब 50 से ज्यादा घरों में जाकर देखा तो हालात चौंकाने वाले मिले। घरों की खिड़कियों के कांच टूटे हुए मिले। पुलिस की मारपीट की शिकार महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग दूसरे दिन भी दर्द से कराह रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि रात दस बजे से तड़के तक मारपीट का दौर चला। पुलिस की इस कार्रवाई से बस्ती में भय व्याप्त है।
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बस्ती की महिलाओं व किशोरियों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने गाली गलौच की सभी हदें पार कर दी। महिला और बच्चियों को एेसी जगह भी डंडे से मारा कि वे बता भी नहीं सकती। पुलिसकर्मियों ने जितने भी वाहन खड़े थे, सभी में तोडफ़ोड़ कर दी। हर घर का कांच फोड़ दिया हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस दल में एक भी महिला कर्मी नहीं थी।
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कॉलोनी निवासी मधु ने बताया कि उसके दोनों बच्चे एलिस व एलिया बीमार चल रहे हैं। वे तो जल्दी सो गए थे, इसके बाद भी पुलिस घर में घुस मारा और थाने ले गई। वहां भी बच्चों के साथ मारपीट की है। नाबालिगहोने के कारण उन्हें रात को छोड़ दिया।
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पुलिस की पिटाई का शिकार हुई सीमा ने बताया कि मैं घर पर खाना बना रही थी, अचानक किसी ने दरवाजा बजाया। जैसे ही खोला देखा तो पुलिस लोगों को घरों से बाहर निकाल पीट रही थी। मैंने अपने पति व बच्चों को बचाने का प्रयास किया तो मेरे मुंह पर भी डंडा मारा।
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पीड़ित रासू ने बताया कि जब पुलिस बस्ती में घुसी उस वक्त वह घर के बाहर बैठी थी। एकाएक पुलिस कर्मी आए और तीन से चार डंडे मुझे मारे। मुझसे अब चला भी नहीं जा रहा है। जांघ के पिछले हिस्से में खून जम गया है। मुझे तो पता भी नहीं है, पुलिस ने क्यों हमें मारा है।
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पुलिस की बर्बरता पर राजनेताओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। विधायक रामगंजमण्डी चन्द्रकांता मेघवाल ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों व बृद्ध महिलाओं व गर्भवतियों को मारा गया है। उनके चोटों के निशान हैं। पुलिस वाले रक्षक की जगह भक्षक बन गए हैं। लोगों को अभी भी धमका रहे हैं। बच्चों को थाने ले गए। मेरे फोन करने पर छोड़ा गया है। ऑटो व वाहनों को तोड़ा है, हर घर के कांच फोड़ दिए। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
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सीआई, अनंतपुरा अनिल जोशी ने कुछ और ही कहते हैं। उनके मुताबिक संदिग्ध किशोर को छोडऩे पर बस्ती के लोगों ने उसके घर जाकर मारपीट की और आगजनी की कोशिश की। इस पर पुलिस पहुंची तो पथराव कर दिया। पुलिस इस संबंध में कुछ लोगों को पकड़ कर लाई है।
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वहीं एसपी सिटी अंशुमान भौमिया उडि़या बस्ती के कुछ लोग एक व्यक्ति के घर मारने पहुंच गए थे। पुलिस ने हंगामा व मारपीट कर रहे लोगों को रोका है। पीडि़त की रिपोर्ट पर कुछ लोगों को पकड़ा है।

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