पत्रिका टीम ने पड़ताल में बड़े खुलासे
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो यह स्याह सच सामने आया। पत्रिका टीम ने कोटा होकर गुजरने वाली दो ट्रेन में स्टिंग ऑपरेशन किया। इस दौरान ट्रेनों में चलने वाले कोच अटेंडेंट व पेंट्रीकार कर्मचारी कुछ रुपयों के लिए ट्रेन में कोई भी सामान ले जाने के लिए तैयार हो गए। इसमें राजधानी एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेन भी शामिल है।केस 1-
रणथंभौर एक्सप्रेस का कोच बी 6: इंदौर जा रही ट्रेन के कोच अटेंडेंट गोविंद ने 200 रुपए में खिलौने वाली बंदूक को ले जाने की हामी भर ली। पत्रिका: यह पार्सल इंदौर भेजना है। अटेंडेंट: इसमें क्या है और लेने कौन आएगा। पत्रिका: गाड़ी का एक पार्ट है। अटेंडेंट: ठीक है 200 रुपए दे दो। पत्रिका: अरे यार, पिछली बार तो 100 ही दिए थे।
अटेंडेंट: भेजना है तो 200 रुपए ही देने पड़ेंगे। पत्रिका: ठीक है ले लो, लेकिन पार्सल सही सलामत पहुंच जाना चाहिए। अटेंडेंट: इसकी चिंता मत करो। ये रोज का काम है। जो लेने आए उसके नंबर दे दो।
दूसरा केस-
त्रिवेंद्रम राजधानी एक्सप्रेस – पेंट्रीकार कर्मचारी सुमित 200 रुपए में ले गया ‘पाउडर’ पत्रिका: यह पार्सल सवाई माधोपुर भेजना है। पेंट्रीकार कर्मचारी: हां ले जाएंगे। पत्रिका: कितने पैसे देने हैं। पेंट्रीकार कर्मचारी: हमारे मैनेजर सामने खड़े हैं, उनसे बात कर लो। पत्रिका: मैनेजर साहब ये पार्सल लेकर जाना है। पेंट्रीकार मैनेजर: हां बताओ ना? कहां लेकर जाना है। पत्रिका: सवाई माधोपुर तक ही भेजना है।
पेंट्रीकार मैनेजर: हां ले जाएंगे, कोई चिंता की बात नहीं है। पत्रिका: कितने रुपए लगेंगे। पेंट्रीकार मैनेजर: 200 रुपए दे दो। एक घंटे में पार्सल सवाई माधोपुर। पत्रिका: हमको और भी पार्सल भेजने हैं।
पेंट्रीकार मैनेजर: अरे आपकी मर्जी वो भेजो… एक्स… वाई… जेड। पत्रिका: आप कहां तक के पार्सल ले जाओगे। पेंट्रीकार मैनेजर: मेरे अंडर में 15 और ट्रेन हैं। आप तो कन्याकुमारी तक के सामान भेजो।
(पत्रिका के पास दोनों स्टिंग के वीडियो और फोटो उपलब्ध हैँ।)
ट्रेन में पार्सल ले जाने के लिए ये जिम्मेदार
पार्सल विभाग- रेलवे स्टेशन पर पार्सल विभाग का काम ट्रेन में जा रहे पार्सल की बिल्टी चैक करना होता है। इसके लिए ट्रेन आने पर पार्सल विभाग के कर्मचारी तैनात हो जाते है, लेकिन कोटा स्टेशन पर इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा। आरपीएफ व जीआरपी- ट्रेन स्टेशन पर रुकने के साथ ही आरपीएफ के जवान सुरक्षा की दृष्टि से ट्रेन के अंदर से बाहर आ जाते हैं। जीआरपी स्टेशन पर संदिग्ध नजर आने वाले व्यक्तियों पर नजर रखती है।
टीटी भी जिम्मेदार- टीटी यात्रियों के साथ ही रेल में जा रहे पार्सल की भी जांच करता है। कई बार तो लगेज अधिक होने पर वो जुर्माना भी बनाता है, लेकिन टीटी कोच अटेंडेंट के पास या पेंट्रीकार में रखे सामानों की जांच नहीं करता।
इनका कहना है…
ट्रेन में डायरेक्ट पार्सल ले जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। अगर कोटा स्टेशन पर फिर भी ले जा रहे हैं, तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – बच्चन देव, आरपीएफ इंस्पेक्टर कोटा ट्रेन में कोई भी कर्मचारी चाहे वो आरपीएफ, टीटी, कोच अटेंडेंट या फिर पेंट्रीकार कर्मचारी हो। किसी भी प्रकार का पार्सल नहीं लेकर जा सकता है। अगर कोई लेकर जा रहा है तो वो गलत है। संबंध में जांच करवाकर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – रोहित मालवीय, सीनियर डीसीएम, कोटा मंडल