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राज्य सरकार ( Rajasthan Government ) ने मानसून ( monsoon ) के मद्देनजर प्रदेशभर के बांधों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है। कोटा बैराज पर भी चारों बांधों के पानी की आवक की निगरानी के लिए कन्ट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता व उनकी टीम ने पिछले दिनों बैराज समेत चारों बांधों का प्री-मानसून चैकअप भी किया। Manappuram Gold Robbery: आखिर कहां ठिकाने लगाया देशभर से लूटा 500 करोड़ का सोना, अब तेलिया उगलेगा राज
पत्रिका टीम ने मंगलवार को बैराज की स्थिति देखी तो चिंताजनक तस्वीर सामने आई। बांध की पाल (दीवार) ( Kota Barrage wall damaged ) को चूहों ने खोखला कर दिया है। कई जगहों पर चूहों ने बिल बना रखे हैं जो बैराज पर घाव जैसे दिख रहे हैं। बांध विशेषज्ञों ( Dam Expert ) का कहना है कि बैराज के जख्मों का उपचार समय रहते नहीं किया तो नासूर बन सकते हैं। जो बैराज के लिए खतरा साबित होंगे। एक साल पहले राज्य सरकार ने कोटा बैराज समेत अन्य बांधों की मरम्मत के लिए छह करोड़ का बजट दिया था, लेकिन यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ।
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गेट खाने लगे जंग, जम गई गादजल संसाधन विभाग ने प्री-मानसून चैकअप में बांध की स्थिति की जांच की और आंखें मूंदकर फिट होने की रिपोर्ट दे दी, जबकि बैराज के गेट में जंग लग चुकी हैं। जगह-जगह से पानी बहता रहता है। स्लूज गेट खोले तो वर्ष हो गए हैं। इससे कारा गाद और मिट्टी जम गई है। बांधों के गेटों की मरम्मत की सख्त जरूरत है। पिछले साल हुई मध्यप्रदेश राजस्थान चम्बल अंतरराज्यीय नियंत्रण मण्डल की तकनीकी कमेटी की बैठक में भी कोटा बैराज समेत चारों बांधों की मरम्मत का प्रस्ताव लिया था, लेकिन दोनों ही राज्यों की सरकारें बांधों को लेकर गंभीर नहीं है।
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तीसरी आंख भी खराब बैराज पर 24 घण्टे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन यह बंद पड़े हैं। मानसून से पहले सीसीटीवी कैमरों तक को दुरुस्त नहीं करवाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर एक होमगार्ड है।