कोटा

32 मीटर से ऊंची इमारतों की बनेगी कुंडली

सूरत अग्निकाण्ड के बाद नगर निगम मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के नॉम्स की पालना कराने में खानापूर्ति कर रहा है।

कोटाJul 18, 2019 / 01:43 am

Deepak Sharma

kota nagar nigam works on fire safety audit of multistories

कोटा. सूरत अग्निकाण्ड के बाद नगर निगम मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के नॉम्स की पालना कराने में खानापूर्ति कर रहा है। अब उच्च न्यायालय के आदेश पर नगरीय क्षेत्र में 32 मीटर से अधिक ऊंचाई की कितनी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनी है, कितने की स्वीकृति जारी की गई है और कितनी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की निर्माण स्वीकृति जारी नहीं की गई है, इसकी कुण्डली तैयार की जाएगी।
अदालत के आदेश पर राज्य सरकार ने कोटा समेत प्रदेश में 32 मीटर से अधिक ऊंचाई की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की स्वीकृति जारी करने पर तत्काल रोक लगा दी है। इससे शहर के एक दर्जन से अधिक मल्टीस्टोरी का काम अटक सकता है।
स्थानीय निकाय निदेशालय (डीएलबी ) के वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी अशोककुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार कोटा नगर निगम समेत सभी नगरीय निकायों के मुख्य अग्निशमन अधिकारी, अग्निशमन अधिकारी अभियान चलाकर यह जांच करेंगे कि उनके नगरीय क्षेत्र में 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली कितनी बहुमंजिली इमारतें बनी हुई हैं।
इनमें से कितनी इमारतों के लिए नगरीय निकाय से मानचित्र (ले आउट प्लान) स्वीकृत किए गए हैं एवं कितनी इमारतें बिना स्वीकृति के निर्मित की हुई हैं। यह सूचनाएं निदेशालय के साथ-साथ उपायुक्त (फायर) जयपुर को भी भेजी जाएंगी। यह काम एक सप्ताह में करवाना होगा।
निगम क्षेत्र में 32 मीटर से अधिक ऊंचाई की बहुमंजिली इमारतों के निर्माण की स्वीकृति तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए एवं जब तक नहीं दी जाए, तब तक कि निकाय इन इमारतों की सूचना सरकार नहीं भेज दे। निगम अब एक-दो दिन में सर्वे करवाएगा।

यह जानकारी देनी होगी
उच्च न्यायालय जयपुर पीठ के आदेशों की अनुपालना में अग्निशमन संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की जाएगी। निरीक्षण की दिनांक, भवन मालिक का नाम, पता, किरायेदार हो तो किरायेदार का नाम, भवन की फायर एनओसी, भवन का प्रकार जैसे मॉल्स, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, होटल, कोचिंग सेन्टर, पेइंग गेस्ट आदि। प्रत्येक तल पर अग्निशमन यंत्रों की रिपोर्ट और अग्निशमन यंत्रों की कमी की टिप्पणी अंकित करनी होगी।
कैसे होगी फायर जांच

उच्च न्यायालय के आदेश की अनुपालना में बहुमंजिला इमारतों में अग्निशमन उपकरणों की जांच के निर्देश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन कोटा में कैसे जांच होगी, यह सवाल उठा रहा है। निगम में अग्निशमन अनुभाग ही जुगाड़ व कार्यवाहकों के भरोसे चल रहा है। डीएलबी के आदेशों के तहत फायर एनओसी मुख्य अग्निशमन अधिकारी ही कर सकता है, कोटा में यह पद खाली चल रहा है। कोटा अग्निशमन अनुभाग में मुख्य अग्निमशन अधिकारी, अग्निमशन अधिकारी के दोनों पद, सहायक अग्निशमन अधिकारी के पद रिक्त चल रहे हैं। मुख्य अग्निमशन अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार अधिशासी अभियंता प्रशांत भारद्वाज को सौंप रखा है।

300 नोटिस दिए थे, कोई कार्रवाई नहीं
सूरत अग्निकाण्ड के बाद नगर निगम ने भी कोटा में तीन सौ से अधिक मल्टीस्टोरी, कोचिंग, मॉल्स, हॉस्टल, होटल, अस्पताल आदि को अग्निमशन उपकरण व एनओसी नहीं होने पर नोटिस थमाए थे, लेकिन यह नोटिस रद्दी की टोकरी में चले गए।

हम तो शुल्क देते हैं, मशीन खरीदने का जिम्मा निगम का

प्रदेश में नगरीय क्षेत्र में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के लिए अग्निशमन की नई गाइड लाइन जारी की है। इसमें कहा है कि जिस नगरीय क्षेत्र में अग्निशमन मशीन जितनी मंजिल तक आग बुझा सकती है, वहां तक की निर्माण अनुमति दी जाए, जबकि अब तक सड़क की चौड़ाई से डेढ़ गुणा तक निर्माण की अनुमति दी जाती थी। बिल्डिर्स से निगम फायर एनओसी लेते वक्त ही फायर विकास शुल्क जमा करवा लेता है। निगम के पास फायर उपकरण नहीं हैं तो उसका बिल्डर्स थोड़े जिम्मेदार होगा।
दीपक राजवंशी, बिल्डर्स

32 मीटर से अधिक ऊंचाई की कोटा में कितनी मल्टीस्टोरी आएंगी, इसकी टाउन प्लानर से जानकारी ले रहे हैं। इसके बाद अग्निशमन का सर्वे करवाया जाएगा।

प्रशांत भारद्वाज, कार्यवाहक मुख्य अग्निमशन अधिकारी

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