कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए कटवाई चोटी 12वीं क्लास में पढ़ने वाली
कोटा की जिया मेहता आईआईटी की तैयारी करने के साथ ही हॉकी की नेशनल प्लेयर भी है। इसके साथ ही उनकी एक पहचान और थी… घुटनों तक लटकने वाली चोटी। जिसे उन्होंने दूसरों की खुशी के लिए कटवा दिया। दरअसल हुआ यूं कि जिया को इंटरनेट सर्फिंग के दौरान मुंबई की एक ऐसी कैंसर मरीज के बारे में पता चला जो कीमोथैरेपी के कारण गहरे अवसाद में थी। कीमोथैरेपी की वजह से इस महिला मरीज के बाल उड़ गए थे। जिसकी वजह से वह खासी अवसाद में थी।
जिया की चोटी बांटेगी खुशी नेट सर्फिंग के दौरान ही जिया को पता चला कि एक स्वयंसेवी संस्था ‘मदद’ ऐसे मरीजों के लिए विग तैयार कराती है, लेकिन एक विग के लिए कम से कम 12 इंच लंबे बालों की जरूरत होती है। फिर क्या था कैंसर पीडि़तों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए जिया ने इस संस्था से संपर्क किया और चार दिन पहले अपने 28 इंच लंबे बाल कटवा कर उन्हें भेज दिए।
मां को मनाने में लगे सात दिन हालांकि जिया के लिए अपनी चोटी कटवाना आसान काम नहीं था। हर मां की तरह जिया की मां को भी उसके बाल जान से ज्यादा प्यारे थे। जब जिया ने अपनी इच्छा मां शशि मेहता के सामने रखी तो वह भड़क गई, लेकिन जिया ने भी हिम्मत नहीं हारी। धीरे-धीरे उसने अपनी इस ख्वाहिश के बारे में मां से बात करना शुरू किया। यह सिलसिला सात दिनों तक चला। आखिर में शशि मेहता की ममता को बेटी के नेक मकसद के आगे झुकना पड़ा। मां की सहमती मिलते ही जिया ने भाई यश को साथ लेकर 28 इंच लंबी चोटी कटवाई और विग बनवाने के लिए मुम्बई भेज दी।
… और बजती रहीं तालियां बाल कटवाने के बाद उसे लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के प्रति आशंकाएं थी, लेकिन जब वह अपने स्कूल पहुंची और उसकी सहेलियों को बाल कटवाने का मकसद पता चला तो क्लास में काफी देर तक तालियां बजती रहीं। जिया कहती हैं कि बेटियां किसी से कम नहीं है, बस मूवी के इस डायलॉग को सच में बदलने के लिए थोड़ी हिम्मत और धैर्य चाहिए।