हाड़ौती में भी पिछले कई दिनों से भारी बरसात का दौर चल रहा है। लगातार बरसात के बाद हाड़ौती के कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। बीते चार-पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में कई गांव टापू बन गए हैं। चम्बल नदी व उसकी सहायक नदियां भी उफनने से सोमवार को कोटा बैराज के गेट दो गेट दो-दो फीट खोलकर पांच हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। 854 फीट भराव क्षमता वाले कोटा बैराज के 39 गेट है। मानसूनी सीजन में पहली बार 5 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। जवाहर सागर बांध से भी 3204 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।
इसके अलावा कोटा, बारां, झालावाड़ व बूंदी में लगातार हो रही बारिश से कई नदियां, तालाब व बांध लबालब हो चुके हैं। इससे शहरी व ग्रामीण इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। खेत जलमग्न हो गए। किसानों की हजारों बीघा फसलें पानी में डूब गई है। कई कच्चे मकान ढह गए। इससे लोग बेघर हो गए। कई जगहों पर रास्ते अवरुद्ध होने से ग्रामीणों का मुख्य गांवों व जिला मुख्यालयों से सम्पर्क कट गया। कई गांवों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है। बूंदी जिले के कापरेन में पक्का मकान ढहने से दबने से एक बालिका आदिशा की मौत हो गई। जबकि उसके माता-पिता व एक बहन घायल हो गई। उनका कोटा में उपचार चल रहा है।
कई गांव बने टापू, विभिन्न मुख्य मार्ग बंद–
कोटा जिले के खातौली के अठाहवां क्षेत्र में देहलोत, नयागांव, गोठड़ा, ठीकरदा समेत अन्य गांव टापू बने हुए हंै। इनकी विद्युत आपूर्ति भी बंद कर दी गई। खातौली-करवाड़ सम्पर्क सड़क का मार्ग बंद होने से मुख्य मार्ग से आधा दर्जन गांवों का सम्पर्क कट गया है। इटावा क्षेत्र के धनवां गांव टापू होने से नाव की मदद से एक प्रसूता को बाहर निकाला। 108 की मदद से उसे खातौली अस्पताल में भर्ती कराया। जज्जा-बच्चा स्वस्थ है। इटावा क्षेत्र में कई बस्तियां जलमग्न है। इटावा व पीपल्दा क्षेत्र में दर्जनों कच्चे मकान ढह गए। इससे लोग बेघर हो गए। सुल्तानपुर क्षेत्र में हाट बाजार में आठ फीट पानी से जलमग्र हो गया। मारवाड़ा चौकी का रेलवे नाला उफान पर आने से स्टेट हाईवे कोटा-श्योपुर मार्ग बंद है। मंडावरा-रोटेदा पुलिया पर पानी से मंडावरा-बूंदी मार्ग बंद हो गया। सुल्तानपुर-भौंरा मार्ग पर नाले के उफान से मार्ग अवरुद्ध हो गया। मोरपा में बोरखेड़ा गांव में नाला उफान से मार्ग बंद हो गया।
बारां-बूंदी जिले के हालात-
बारां जिले में पार्वती नदी उफान पर होने से नारेड़ा ग्राम पंचायत के तीन गांव हनोतियां, गुगलहेड़ी, सींघी का टापरा टापू बने हुए है। बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र में कासपुरिया के पास नाला अवरुद्ध होने से गांव में पानी भर गया। जिससे बाढ़ जिसे हालात पैदा हो गए। बम्बूली गांव में भी नाला अवरुद्ध बीस घरों में पानी घुस गया। मोतीपुरा बांध पर 9 इंच की चादर चलना शुरू हो गई। इसकी भराव क्षमता 17 फीट है। केशवरायपाटन क्षेत्र में बीरज-समदपुरिया के बीच खाळ में 4 फीट पानी होने से बीरज और समदपुरिया गांव का संपर्क टूट गया। उपखंड के बुढिय़ा गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के कमरों में पानी घुस गया जिससे सामान खराब हो गए। गेण्डोली-झालीजी काबराना सड़क मार्ग के मध्य बाबडदा के खाळ की पुलिया दूसरे दिन भी पानी बहने से आवागमन बाधित रहा। पच्चीपला मेज नदी की पुलिया भी दो दिन से जलमग्न है।
गांधी सागर- ——-1312 ———–1294.82
राणाप्रताप सागर —-1157.50——–1145
जवाहर सागर ——–980————————–3204 क्यूसेक मशीन से डिस्चार्ज
कोटा बैराज ———-854 ————————4964 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज
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Kota Division- हाड़ौती में कहां-कितनी बारिश बारां जिला-
शाहबाद- 264
छबड़ा-82 —–
कोटा जिला खातौली-142
पीपल्दा-65 —–
झालावाड़ जिला बकानी- 88
असनावर- 80 रायपुर-79
पहपहाड़- 75 डग- 68
—– बूंदी जिला
इन्द्रगढ़ में 96 केशवरायपाटन- 70
नैनवां में 72 हिण्डोली में 50
बूंदी में 35,
(मिमी में बारिश दर्ज)