एसपी सिटी अंशुमान भौमिया ने बताया कि भुवनेश ने दुर्गेश की हत्या के लिए प्लानिंग की है, लेकिन तकनीकी जांच में वह फंस गया। भुवनेश हत्या के दो दिन पहले 8 अगस्त को पत्नी भावना को लेकर दिल्ली चला गया। वहां से 9 अगस्त की रात को कोटा पहुंचा। स्टेशन की पार्र्किंग से बाइक लेकर घर पहुंचा। पीछे के रास्ते से चुपचाप सो गया। 10 अगस्त को दोपहर में पिता का स्कूटर लेकर घर से निकला और दुर्गेश की रैकी की। मौका मिलने पर रात सवा नौ बजे दुर्गेश की हत्या कर दी और पौने दस बजे ट्रेन से दिल्ली चला गया। पुलिस ने उसके सहयोगी निशांत (20 ) निवासी शिवाजी कॉलोनी को भी गिरफ्तार कर लिया है। वहीं भुवनेश अभी फरार है।
ढाई माह से टारगेट था
पुलिस ने बताया कि दुर्गेश का स्टेशन रोड पर तीन मंजिला भवन है, जिसकी वर्तमान कीमत करोड़ों में है। भुवनेश यहां ग्राउंड फ्लोर पर पांच साल से बागा नाम का कैफे चलाता है। उसे हर माह दो लाख रुपए की कमाई हो रही थी, लेकिन दुर्गेश ने इस साल की शुरुआत में ही जगह खाली करने को बोल दिया था। इस बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। लोगों की समझाइश पर उसे अगस्त माह तक का समय दिया था। सहयोगी निशांत ने पुलिस को बताया कि भुवनेश बोलता था कि हमें इस जगह का कब्जा नहीं छोडऩा है।
पिछले साल फरयादी था भुवनेश ने जेके लोन अस्पताल में जननी शिशु सुरक्षा योजना में एंबुलेंस लगा रखी थी। पिछले साल जुलाई में भुवनेश की शिकायत पर एसीबी में जेके लोन अस्पताल में जेएसवाई के एकाउंटेंट को रिश्वत मामले में ट्रेप किया था।
150 से ज्यादा लोगों से पूछताछ एसी ने बताया कि इस मामले में 150 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। जांच में एएसपी अनंतकुमार, डिप्टी शिवभगवान गोदारा व राजेश मेश्राम, छह थानाधिकारी सहित स्पेशल टीम के 15 से ज्यादा जवान लगे थे। भुवनेश के पकड़े जाने के बाद उसकी मदद में अन्य लोग शामिल हैं या नहीं? इसकी भी पड़ताल की जाएगी।
पुलिस को फोन कर कहा- मैंने नहीं की हत्या
भुवनेश ने रास्ते में लगे सीसीटीवी की लोकेशन देखी। उसी के आधार पर आने-जाने का रास्ता चुना। वारदात का समय भी वह चुना कि जिसके तुरंत बाद वह ट्रेन से भाग जाए। ११ अगस्त को कोटा के एक पुलिस अधिकारी से फोन कर कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दुर्गेश की हत्या में मेरा नाम बता रहे है। जबकि मैं तो दिल्ली हूं।
भुवनेश ने रास्ते में लगे सीसीटीवी की लोकेशन देखी। उसी के आधार पर आने-जाने का रास्ता चुना। वारदात का समय भी वह चुना कि जिसके तुरंत बाद वह ट्रेन से भाग जाए। ११ अगस्त को कोटा के एक पुलिस अधिकारी से फोन कर कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दुर्गेश की हत्या में मेरा नाम बता रहे है। जबकि मैं तो दिल्ली हूं।