न्यूक्लियर पावर प्लांट की सुरक्षा में लगी सेंध…अंधेरे के समय नाव में बैठकर…. पोस्टमार्टम में सबकुछ साफ हो गया:
पुलिस बाबूलाल की मौत के बाद परिजनों ने परिवाद दिया था कि अस्पताल प्रशासन ने शव से किडनी निकल ली। शुक्रवार रात को परिवाद लेकर शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए आश्वस्त किया था। सड़क हादसे का मामला कैथून थाने का था। शनिवार को कैथून पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया। इसमें साफ हो गया कि किडनी निकालने जैसा कुछ नहीं है। हम फिर भी परिवाद की जांच कर रहे हैं। मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
मनोज सिकरवार, सीआई, जवाहर नगर थाना अस्पताल प्रशासन बोला. बिल चुकाने से बचने के लिए परिजनों ने प्लान कर बनाया वीडियो, किया हंगामा किडनी निकालना कोई बच्चों का खेल नहीं हैं। जो 5 मिनट में निकाल जाए। पेट में चीरा इसलिए लगाया गया था क्योंकि सिर की हड्डी को हमने पेट की चमड़ी के नीचे सुरक्षित रखा था। जिसे एक साल बाद होने वाले आपरेशन के बाद वापस सिर में लगाना होता हैं। जब भी ऐसे मामले आते है। हम हर केस में ऐसा करते हैं। परिजनों की उपचार का बिल चुकाने की बारी आई तो यह सब ड्रामा किया गया। मरीज के ट्रीटमेंट व अन्य खर्चों के कुल रुपए 85 हजार बने थे। जिसमें से 50 हजार परिजनों ने जमा भी करवा रखे थे। जब मृत्यु हो गई तो परिजनों ने 35 हजार रुपए देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद यह सब प्लान करके हमारी व हमारे अस्पताल और ब्रांड की बदनामी करने के लिए किया गया हैं। वीडियो बनाया वायरल करवा दिया। हमारी बदनामी करने और झूठा प्रचार करने के लिए अब हमने जवाहर नगर पुलिस को मामले में परिवाद देकर परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया हैं।
आरके अग्रवाल,अस्पताल निदेशक