याचिकाकर्ता पुखराज सिंह चौहान व अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये फैसला दिया है। आरटीयू कोटा में कार्य का क्रियान्वयन प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्मिकों द्वारा किया जा रहा है।
कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्मिकों ने इस मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया था कि वे वर्षों से कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर कार्य कर रहे हैं। उन्हें भुगतान निजी एजेंसियों के द्वारा किया जा रहा है।
वित्त विभाग ने 27 जून 2014 को एक परिपत्र जारी कर सभी योजनाओं को संविदा पर कार्मिक लेते हुए सीधे संविदा पर लेने का प्रावधान किया हुआ है। परिपत्र में निजी एजेंसियों द्वारा कार्मिक लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। तर्कों को सुनते हुए न्यायालय ने याचिकाकर्ताओ को सीधे अनुबंध पर लेने के आदेश दिए हैं।