जेईई-मेन परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा करवाया जाता है, वहीं जेईई-एडवांस्ड के आयोजन की जिम्मेदारी किसी भी पुरानी आईआईटी को दी जाती है। यदि पिछले 14 वर्षों के परीक्षा आयोजन के पैटर्न को देखें तो इस वर्ष यह जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को दी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल वाले स्टूडेंट्स की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। गत वर्ष 2024 में पिछले 12 वर्षों के मुकाबले सबसे ज्यादा 1 लाख 80 हज़ार 200 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।
एजुकेशन एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि गत कई वर्षों से जेईई एडवांस्ड परीक्षा मई के अंतिम सप्ताह में अंतिम रविवार को ही हो रही है। ऐसे में वर्ष 2025 में 25 मई को जेईई एडवांस्ड परीक्षा संभावित है। गत वर्ष 2024 में 26 मई को एडवांस्ड परीक्षा हुई।
यह है परीक्षा आयोजन का पैटर्न
आहूजा ने बताया कि आईआईटी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग-अलग नामों से आईआईटीज द्वारा ही आयोजित की जाती रही है। वर्ष 2012 तक आईआईटी-जेईई के नाम से, वर्ष 2013 से अब तक जेईई-एडवांस्ड के नाम से ये परीक्षा हो रही है। वर्ष 2011 में आईआईटी-जेईई एडवांस्ड परीक्षा को करवाने एवं परीक्षा का पेपर बनाने की जिम्मेदारी हर 6 वर्ष बाद रोटेशन में उसी आईआईटी को दी जाती है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में आईआईटी जेईई परीक्षा आईआईटी कानपुर ने करवाई थी, इसके बाद आईआईटी कानपुर ने 6 साल बाद वर्ष 2018 में जेईई एडवांस्ड करवाई। ऐसे में इस वर्ष 2025 में आईआईटी कानपुर जेईई एडवांस्ड परीक्षा करवा सकता है। इसके अतिरिक्त जेईई एडवांस्ड वर्ष 2012 में आईआईटी दिल्ली, 2013 में आईआईटी दिल्ली, वर्ष 2014 में खड़गपुर, 2015 में बॉम्बे, 2016 में गुवाहाटी, 2017 में मद्रास, 2018 में फिर आईआईटी कानपुर, वर्ष 2019 में रूडकी, वर्ष 2020 में फिर आईआईटी दिल्ली, वर्ष 2021 में आईआईटी खड़गपुर, वर्ष 2022 में फिर बॉम्बे, वर्ष 2023 में फिर आईआईटी गुवाहटी एवं वर्ष 2024 में फिर आईआईटी मद्रास ने परीक्षा एवं पेपर करवाया।
आहूजा ने बताया कि आईआईटी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग-अलग नामों से आईआईटीज द्वारा ही आयोजित की जाती रही है। वर्ष 2012 तक आईआईटी-जेईई के नाम से, वर्ष 2013 से अब तक जेईई-एडवांस्ड के नाम से ये परीक्षा हो रही है। वर्ष 2011 में आईआईटी-जेईई एडवांस्ड परीक्षा को करवाने एवं परीक्षा का पेपर बनाने की जिम्मेदारी हर 6 वर्ष बाद रोटेशन में उसी आईआईटी को दी जाती है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में आईआईटी जेईई परीक्षा आईआईटी कानपुर ने करवाई थी, इसके बाद आईआईटी कानपुर ने 6 साल बाद वर्ष 2018 में जेईई एडवांस्ड करवाई। ऐसे में इस वर्ष 2025 में आईआईटी कानपुर जेईई एडवांस्ड परीक्षा करवा सकता है। इसके अतिरिक्त जेईई एडवांस्ड वर्ष 2012 में आईआईटी दिल्ली, 2013 में आईआईटी दिल्ली, वर्ष 2014 में खड़गपुर, 2015 में बॉम्बे, 2016 में गुवाहाटी, 2017 में मद्रास, 2018 में फिर आईआईटी कानपुर, वर्ष 2019 में रूडकी, वर्ष 2020 में फिर आईआईटी दिल्ली, वर्ष 2021 में आईआईटी खड़गपुर, वर्ष 2022 में फिर बॉम्बे, वर्ष 2023 में फिर आईआईटी गुवाहटी एवं वर्ष 2024 में फिर आईआईटी मद्रास ने परीक्षा एवं पेपर करवाया।
क्यों है ये सबसे कठिन परीक्षा ? आहूजा ने बताया जेईई एडवांस्ड परीक्षा में कितने नंबर के कितने क्वेश्चन पूछे जाते हैं ये कभी भी पहले से नहीं बताया जाता। ना ही पेपर की मार्किंग स्कीम पहले से निर्धारित करके सूचित किया जाता है। स्टूडेंट्स को एडवांस्ड परीक्षा में एग्जाम हॉल में पेपर से आधा घंटा पहले दिए गए इंस्ट्रक्शंस में ही नंबर ऑफ़ क्वेश्चन एवं मार्किंग स्कीम के बारे में लिखा हुआ मिलता है, इसमें प्रश्न मैचिंग लिस्ट टाइप, इंटीजर टाइप, सिंगल करेक्ट, मल्टीपल करेक्ट काम्प्रिहेंशन पैरेग्राफ बेस्ड जैसे अलग-अलग पैटर्न पर सवाल पूछकर स्टूडेंट्स की तीक्षणता को परखा जाता है। इस परीक्षा में पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के सवालों के रिपीट होने की संभावनाएं ना के बराबर होती है। साथ ही एक दिन में 3-3 घंटे की दो पारियों में यह परीक्षा ली जाती है। गत 4 वर्षां से जेईई एडवांस्ड में पेपर-1 एवं पेपर-2 दोनों 180 मार्क्स एवं पूरा पेपर 360 मार्क्स का हुआ था, जिनमे फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स का पेपर 120 मार्क्स का हुआ।