अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नगर निगम कार्यालय के बाहर दशहरा मैदान परिसर में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत महिला सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें शहरी क्षेत्र के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़़ी महिलाओं ने भाग लिया। महिला सम्मेलन में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की ओर से स्टॉल लगाई गई। इसमें महिलाओं की ओर से बनाए गए उत्पाद प्रदर्शित किए गए। यहां हुए समारोह में कई स्वयं सहायता समूह की संचालिकाओं, प्रगतिशील महिलाओं को अतिथियों ने पुरस्कृत किया।
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महपौर महेश विजय ने कहा कि महिला क्या होती है, यह पीहर जाने के बाद पुरुष को पता चलता है। पूरा घर अस्त-व्यस्त हो जाता है। यहां तक कि महिला 10 दिन पीहर से नहीं आती है तो लड़ाई-झगड़े तक हो जाते हैं।
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कोटा की ये आयरन लेडी टिफिन तैयार करने से जल्दी ठीक कर देती है रेलवे का वेगननिभा रही दोहरी जिम्मेदारी
उप महापौर सुनीता व्यास ने कहा कि पुरुष वर्ग तो सिर्फ कमाई ही कर रहा है, लेकिन वर्तमान में नारी शक्ति घर की जिम्मेदारियां निभाने के साथ स्वरोजगार से जुड़कर परिवार की आमदनी बढ़ा रही है। यूं कहें कि नारी शक्ति घर-परिवार की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही है।
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मिले पूरा सम्मान नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका ने कहा कि महिलाओं को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। दफ्तरों में भी उनकी बात को गंभीरता से सुना जाना चाहिए। कार्यक्रम संयोजिक पार्षद रेखा लखेरा ने कहा कि आज महिला हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। रेल से लेकर प्लेन तक चला रही हैं। समारोह में निगम उपायुक्त राजेश डागा, पार्षद कृष्ण मुरारी सामरिया, देवेन्द्र चौधरी, दिलीप पाठक मौजूद रहे।