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सवाल: पढ़ाई का स्ट्रेस रहता है, गोल कैसे अचीव करें?
जवाब. कॅरियर में अपडाउन आते रहते हैं। मेरे जीवन में भी स्पोर्टपर्सन के तौर पर कई बार हार हुई। हम हारते हैं तो दुखी भी होती हैं। लेकिन हार-जीत तो चलती है। ऐसा भी होता है कि जीत कम होती है, लेकिन खुद को वापस से हार से उबार कर जीत के लिए लगा देना ही जीवन है। स्ट्रेस नेचुरल है, जितनी बार हारो और ज्यादा सीखो, कम बैक जरूरी है। हार्डवर्क करेंगे तो गोल अचीव होगा ही।
आपने राजनीति में जाने की इच्छा जाहिर की थी?
जवाब: अवसर मिला तो आऊंगी… राजनीति बड़ा फील्ड है, मुझे बहुत कुछ सीखना होगा। जितना समय मैं खेल प्रैक्टिस को देती हूं, उतना ही समय राजनीति को देना होगा। वर्तमान में अच्छा लगता है कि देश विकसित हो रहा है। दुनिया में कहीं भी जाओ लोग कहते हैं भारत अच्छा कर रहा है।
आजकल कंपीटिशन ज्यादा है, स्ट्रेस से कैसे बाहर निकलें?
जवाब: कंपीटिशन में स्ट्रेस आम बात है। स्ट्रेस पार्ट ऑफ लाइफ है, आपको इसे कम करके वापस खड़ा होना है। बच्चों को स्पोर्टस पर भी ध्यान देना चाहिए। स्पोर्टस स्ट्रेस लेवल कम करता है।
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कोचिंग स्टूडेंट फिजिकली व मेंटली कैसे मजबूत हों?
जवाब: आजकल बच्चे जंक फूड ज्यादा लेते हैं और मोबाइल में लगे रहते हैं। जबकि, स्पोर्ट्स में भाग लें तो फिजिकली- मेंटली मजबूत रहेंगे, कॅरियर में अच्छा कर सकेंगे।