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दशहरा मेला में उतरा राजस्थानी लोक संस्कृति का चांद ज्यादातर कच्ची बस्तियों से जानकारों के अनुसार अधिकतर गुमशुदा नाबालिग कच्ची बस्तियों के रहने वाले या खानाबदोश परिवारों से हैं। एक जगह से दूरी जगह पर टापरियां बदलने से उनका पता तक नहीं मिल पाता। पुलिस यह भी मानती है कि कुछ बच्चे वापस घर लौट आए होंगे लेकिन उनकी सही जानकारी नहीं होने से भी वे पुलिस रिकॉर्ड में लम्बित हैं।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुए मौत के वीडियो ने कोटा में मचाया हड़कंप 400 से अधिक लोग लापता गुजरे तीन साल में गुमशुदा नाबालिगों की तलाश के लिए पुलिस की ओर से ऑपरेशन ‘स्माइल’, ‘मुस्कान’ व ‘मिलाप’ चलाए गए। इस दौरान गुमशुदा तलाश के अलावा बालश्रम व भिक्षावृत्ति से बच्चों की मुक्ति का भी कार्य किया गया। राज्य में सर्वाधिक कार्यवाही करने पर कोटा शहर पुलिस को अव्वल रहने का तमगा भी मिला। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा शहर से नाबालिग बच्चे ही नहीं महिला-पुरुष भी लापता हैं। इनकी संख्या 420 है। जिनमें210 महिलाएं व 210 ही पुरुष लापता हैं। यह भी पढ़ें