सावधानी बरतें-लू से बचें
– पर्याप्त मात्रा में पानी व तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू का पानी, कैरी का पानी का उपयोग करें।
– यात्रा करते समय पानी साथ रखें।
– निर्जलीकरण से बचने के लिए ओआरएस का प्रयोग करें।
– संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें।
– विशेष तौर पर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच सूर्य के ताप से बचने के लिए बाहर जाने एवं कड़ी मेहनत से बचें।
– स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।
– जहां तक संभव हो घर में ही रहें और सूर्य के सम्पर्क से बचें।
– जानवरों को छाया में बांधें और उन्हे पर्याप्त पानी पिलाएं।
– लू सेे प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती-गीले कपड़ों से पोंछें अथवा नहलाएं। चिकित्सक से सम्पर्क करें।
– लू लगने के लक्षणों को पहचानें। यदि कमजोरी लगे, सिर दर्द हो, उल्टी महसूस हो, तेज पसीना और झटका जैसी महसूस हो, चक्कर आएं तो तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें।
– बीमार, गर्भवती महिला व कामगारों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
– अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थ खाने से बचें।
– पर्याप्त मात्रा में पानी व तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू का पानी, कैरी का पानी का उपयोग करें।
– यात्रा करते समय पानी साथ रखें।
– निर्जलीकरण से बचने के लिए ओआरएस का प्रयोग करें।
– संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें।
– विशेष तौर पर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच सूर्य के ताप से बचने के लिए बाहर जाने एवं कड़ी मेहनत से बचें।
– स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।
– जहां तक संभव हो घर में ही रहें और सूर्य के सम्पर्क से बचें।
– जानवरों को छाया में बांधें और उन्हे पर्याप्त पानी पिलाएं।
– लू सेे प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती-गीले कपड़ों से पोंछें अथवा नहलाएं। चिकित्सक से सम्पर्क करें।
– लू लगने के लक्षणों को पहचानें। यदि कमजोरी लगे, सिर दर्द हो, उल्टी महसूस हो, तेज पसीना और झटका जैसी महसूस हो, चक्कर आएं तो तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क करें।
– बीमार, गर्भवती महिला व कामगारों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
– अधिक प्रोटीन वाले तथा बासी खाद्य पदार्थ खाने से बचें।