scriptराजस्थान के इस शहर में पशु-पक्षी, जीव-जंतुओं की आत्म-शांति के लिए भी वि धि-विधान से करते हैं श्राद्ध व तर्पण | Patrika News
कोटा

राजस्थान के इस शहर में पशु-पक्षी, जीव-जंतुओं की आत्म-शांति के लिए भी वि धि-विधान से करते हैं श्राद्ध व तर्पण

kota news: अपनों की आत्मशांति के जतन तो हर कोई करता है, लेकिन कोटा शहर में कर्मयोगी सेवा संस्थान पशु-प​क्षियों व अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी श्राद्ध व तर्पण करते और ब्राह्मणों को भोजन करवाते हैं।

कोटाSep 27, 2024 / 11:24 am

Hemant Sharma

shradhha-paksha

दिवंगताें की आत्मशांति के लिए श्राद्ध व तर्पण करते हुए।

kota news: अपनों की आत्मशांति के जतन तो हर कोई करता है, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी सोच अपने तक सीमित नहीं होती, उनके लिए कोई पराया नहीं, वे सबके हैं और सब उनके हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पेश कर रहे हैं कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी।
वे पिछले सालों से अपने- पराए दिवंगतों की आत्मशांति की कामना के साथ श्राद्ध कर रहे हैं। राजाराम संस्थान के माध्यम से न सिर्फ इंसानों के लिए बल्कि पशु-पक्षी, जीव-जंतुओं की आत्मशांति के लिए भी श्राद्ध व तर्पण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। कर्मयोगी ने वर्ष 2000 में श्राद्ध श्रद्धांजलि महोत्सव की शुरुआत की थी। इस वर्ष 25वां श्राद्ध श्रद्धांजलि महोत्सव मना रहे हैं। 16 दिवसीय श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि महोत्सव के तहत हर दिन अलग-अलग क्षेत्र के दिवंगतों के लिए श्राद्ध कर रहे हैं।
अब तक इनका श्राद्ध व तर्पण किया

पूर्णिमा एवं एकम का श्राद्ध अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याणकारी दिवंगत दिव्य आत्माओं की शांति के साथ ही देश के समग्र विकास एवं जनहित में जिन्होंने कार्य करने वाले, द्वितीय का श्राद्ध समस्त जलचर नभचर जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, कीट-पतंगे, कानून की रक्षा में शहीद हुए पुलिसकर्मी, अधिकारी एवं न्याय की रक्षा के लिए जीवन समर्पित करने वाले दिवंगतों के लिए, चतुर्थी का श्राद्ध देश के दिवंगत अन्नदाता किसान, पंचमी का श्राद्ध देश की सीमाओं पर नागरिकों की रक्षा के लिए अब तक शहीद हुए सभी सैनिकों की आत्मशांति के लिए एवं स्वतंत्रता संग्राम जलियांवाला बाग एवं अब तक दिवंगत हुए सभी स्वतंत्रता सेनानियों] दिवंगत वैज्ञानिकों, अजन्मी कन्या भ्रूण हत्या की त्रासदी की शिकार दिवंगत आत्माओं, विश्व में आतंकवाद की आत्मशांति,विश्व विख्यात प्रेरणादायी दिवंगत महिला, जौहर करने वाली वीरांगनाओं के लिए श्राद्ध किया जा चुका है।
अब इनके लिए

27 सितंबर को देश दुनिया के दिवंगत खिलाड़ी, चित्रकार एवं कलाकार, साहित्य व लेखन क्षेत्र से जुड़े गीत व संगीतकारों, 28 सितंबर को देशहित में कार्य करने वाले पूर्व शासक, शाही राजघरानों के दिवंगत राजाओं, 29 सितंबर को दिवंगत साधु संन्यासियों, 30 सितंबर को अज्ञात, भुखमरी, 1 अक्टूबर को प्राकृतिक त्रासदियों, अकाल मृत्यु के दिवंगतों, कोरोना त्रासदी के शिकार दिवंगतों, दिवंगत मंगलमुखी-किन्नर समाज व सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के दिवंगत परिजनों, भूली बिसरी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए करेंगे।
यह है उद्देश्य

कर्मयोगी बताते हैं कि श्राद्ध हमारी शास्त्रोक्त परम्परा है। दिवंगतों की आत्मशांति के लिए श्राद्ध व तर्पण जरूरी है। कई लोग मजबूरीवश श्राद्ध नहीं कर पाते, अन्य भी कई कारण होते हैं। इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए 25 वर्ष पहले महोत्सव की शुरुआत की। सभी जीवों के प्रति श्रद्धा, संरक्षण व लोगों को धर्म-संस्कार की प्रेरणा देने के उद्देश्य से शुरुआत की थी। विधिविधान के साथ तभी से महोत्सव मना रहे हैं। संस्थान की अध्यक्ष अल्का दुलारी बताती हैं कि सभी व्यक्ति, सभी के लिए सोचे, यही भाव रहा है।
इस साल यहां आयोजन

कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से इस वर्ष दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 16 दिवसीय श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि कार्यक्रम कर्म योगी सेवा संस्थान के गुरु धाम कॉलोनी, रोटेंदा रोड सोगरिया रेलवे स्टेशन के पास अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में संस्थान के मुख्य संरक्षक गोविंद नारायण अग्रवाल के संरक्षण में किया जा रहा है।

Hindi News / Kota / राजस्थान के इस शहर में पशु-पक्षी, जीव-जंतुओं की आत्म-शांति के लिए भी वि धि-विधान से करते हैं श्राद्ध व तर्पण

ट्रेंडिंग वीडियो