कोटा में यातायात पुलिस के सिपाहियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। जिसमें विशेष रूप से सिपाहियों पर ध्वनि व वायु प्रदूषण के असर दिखाई दिया। अधिकारियों के प्रयास से एक निजी क्लिनिक पर विशेषज्ञ चिकित्सक सिपाहियों के स्वास्थ्य की नि:शुल्क जांच कर रहे हैं।
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अब तक 50 की जांच शहरी यातायात के 175 सिपाहियों में से अब तक 50 का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। जिनमें से करीब 10 प्रतिशत मामले ऐसे सामने आए हैं। किसी को सुनने में परेशानी तो किसी को एलर्जी की समस्या हो गई है। जिनका कि न तो सिपाहियों को अहसास था और न ही यातायात विभाग को। सिपाही समझ रहे थे कि यह मौसम में बदलाव का असर है, लेकिन वास्तविकता उनके चौराहे पर खड़े होकर लम्बे समय तक ड्यूटी के दौरान वायु व ध्वनि प्रदूषण को सहन करने के कारण हो रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण सिपाहियों के साथ ही अधिकािरयों का भी कराया जाएगा।
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रोटेशन में ड्यूटी की प्लानिंग सिपाहियों को सुनने व एलर्जी संबंधी परेशानी को देखते हुए विभाग 15-15 दिन में रोटेशन ड्यूटी लगाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही एक इस तरह का डिवाइस मंगवाने पर विचार किया जा रहा है। जिससे भविष्य में इन बीमारियों को बढऩे से रोका जा सके।
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500 की हुई जांच यातायात पुलिस की तरह ही शहर पुलिस के करीब 500 सिपाहियों व अधिकािरयों का भी गत वर्ष स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था। वह भी कोटा में ही पहली बार किया गया था। एएसपी (मुख्यालय) उमेश ओझा कहते हैं कि यातायात के सिपाहियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने का राज्य में कोटा में ही पहली बार प्रयास किया गया। जिससे उनमें ध्वनि व वायु प्रदूषण के असर को देखा जा रहा है। कुछ की परेशानी सामने आई है। विभाग की ओर से उनकी परेशानी दूर करने के लिए रोटेशन में ड्यूटी लगाने व डिवाइस देने की योजना है।