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मुफ्त के काम के लिए देने पड़ रहे पैसे केन्द्र सरकार ने आधार कार्ड को जरूरी दस्तावेजों की श्रेणी में शामिल तो कर दिया, लेकिन आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था निजी कंपनियों को सौंपकर दलाली और अवैध वसूली का बड़ा रास्ता खोल दिया। सरकार ने आधार कार्ड बनवाने के लिए आउटसोर्स एजेंसियां तय कर दी है। कोटा में यह काम वक्रांगी सॉफ्टवेयर के जिम्मे है।नियमानुसार इन एजेंसियों को सरकार की ओर से निर्धारित की गई फीस पर ही आधार कार्ड बनाने और बने हुए आधार कार्ड में करेक्शन करनना होता है, लेकिन यह कंपनी कोटा में लोगों से खुलेआम अवैध वसूली कर रही है। यह भी पढ़ें
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खुलेआम लोगों से हो रही अवैध वसूल आउटसोर्स कंपनी वक्रांगी सॉफ्टवेयर के कियोस्क पर आधार कार्ड बनाने के 100 से 120 तथा करेक्शन के 150 रुपए वसूल रही है। जबकि सरकार की तरफ से आधार कार्ड फ्री में बनाया जा रहा है। वहीं आधार कार्ड में करेक्शन कराने के लिए 30 रुपए शुल्क का प्रावधान रखा गया है। patrika.com रिपोर्टर ने जब वक्रांगी सॉफ्टवेयर के कियोस्क पर जाकर पड़ताल की तो कर्मचारी खुलेआम अवैध वसूली करते नजर आए। यह भी पढ़ें
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कैमरे में कैद हुई अवैध वसूली की तस्वीरें patrika.com रिपोर्टर जब वक्रांगी सॉफ्टवेयर के दादाबाड़ी छोटा चौराहा स्थित कियोस्क सेंटर पर गया तो केन्द्र के अंदर लोगों की भीड़ लगी हुई थी। केन्द्र पर उपस्थित कर्मचारी से जब आधार कार्ड बनाने का शुल्क पूछा तो उसने नया आधार कार्ड बनवाने के 100 रुपए और गलती ठीक करने का शुल्क 150 रुपए बताया। इस पर जब शुल्क ज्यादा होने की बात संवाददाता ने कही तो कर्मचारी ने कार्ड बनाने से मना कर दिया और दूसरे लोगों का काम करने में जुट गया। यही हाल वक्रांगी सॉफ्टवेयर के जवाहर नगर पेट्रोल पंप के सामने स्थित कियोस्क पर मिला। यहां भी नया कार्ड बनाने के लिए 100 रुपए और करेक्शन लगाने के 150 रुपए वसूले जा रहे थे। रिपोर्टर ने जब पैसे कम करने के लिए कहा तो उसने कार्ड बनाने से मना कर दिया। यह भी पढ़ें