कोटा. ‘पत्रिका टीम’ नहर किनारे निकली तो देखा कि सीएडी की नहरों व वितरिकाओं में कई जगह सिंचाई के पानी पर दबंगों ने डाका डाल रखा है।
कोटा•Dec 28, 2017 / 10:58 am•
abhishek jain
यहां भी खेत मालिक ने नहर के किनारे ही पंप लगा रखा है और दिन रात पानी की चोरी कर खेत में सिंचाई का काम किया जा रहा है। नहर के किनारे बनी हुई सड़क को खोद कर उसके नीचे से पानी का पाइप डाल धड़ल्ले से पानी की चोरी की जा रही है।
बूंदी रोड स्थित रेलवे आरओबी के पास से गुजर रही नहर पर मुख्य मार्ग से कुछ ही दूरी पर एक खेत मालिक ने सड़क पर पंप लगा रखा है। नहर में से सीधे पानी की चोरी कर सिंचाई कर रहा। खास बात यह कि चंद कदमों की दूरी पर ही यह चोरी हो रही है लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों को देखने की फुर्सत नहीं।
नहर से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए धोरे बना रखे हैं, लेकिन एक खेत मालिक द्वारा इनसे भी पानी की चोरी की जा रही है। खेत मालिक के द्वारा धोरे में इंजन रख रखा है।
यहां नहर की दीवार को तोड़ कर पानी निकालने के लिए पाइप को बिछा रखा है। इसमें रात होते ही पानी की चोरी का काम शुरू कर दिया जाता है। यहां से कुछ ही दूरी पर सिंचाई विभाग का कार्यालय है, फिर भी मॉनिटरिंग नहीं हो रही।
पत्रिका टीम ने बाई मुख्य नहर की कापरेन वितरिका का करीब दस किमी का जायजा लिया। कई जगह तो इस चोरी के स्थाई बंदोबस्त किया हुआ मिला। दबंगों ने वितरिका के नीचे स्थाई रूप से पाइप दबाए हुए हैं ताकि हमेशा अवैध रूप से वितरिका का पानी अपने खेतों में ले सके।
बाई मुख्य नहर सीएडी अधीक्षण अभियंता सुरेन्द्र बीजावत का कहना है कि नहर के किनारे लगे पंप कई बार हटवा दिए, फिर भी कहीं पर पंप लगे हुए हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर करवाई जाएगी। हालांकि कुछ दिनों पहले सिंचाई विभाग टीम ने सभी स्थानों पर गश्त की।
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