जानकारी अनुसार गांव में शादी समारोह होने के कारण प्रभु लाल गुर्जर की पुत्री कर्माबाई (25) उसकी दो बेटियों को लेकर रघुनाथपुरा पीहर में आई थी। जहां पर शादी समारोह में शामिल होने के बाद रात को लेट हो जाने से पिता के मकान में बेटियों के साथ सो गई। इस दौरान वहां पर आधा दर्जन महिलाएं व उसका जीजा बाबूलाल भी था।
प्रत्यक्षदर्शी लक्ष्मण गुर्जर ने बताया कि देर रात अचानक तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर वह घर से बाहर निकाला एवं इधर-उधर देखा तो उसे कुछ नजर नहीं आया। कुछ पल के बाद पड़ोस से एक महिला व बच्ची की रोने की आवाज आई, उसने पड़ोस में देखा तो पूरा मकान गिरा हुआ था एवं पट्टियां के नीचे महिलाएं, बच्चियां व आदमी दबे हुए थे,जो चिल्ला रहे थे। उसने तत्काल प्रभाव से हो हल्ला कर लोगों को जगाया एवं लोगों की मदद से पत्थर व मलबे को हटाकर उसके नीचे दबे महिला, बच्चों और लोगों को निकाला।
इस दौरान कमाZ बाई (30) पत्नी महावीर गुर्जर निवासी गोरस्या का खेड़ा, उ सकी पुत्री दिव्या( 03) एवं जीजा बाबू लाल गुर्जर (45) निवासी गोठड़ा तीनों की दबने से मौत हो गई थी।वहीं हीराबाई (55) वर्ष निवासी रघुनाथपुर गंभीर घायल थी। गिरिजा व लखन के भी चोटें आई।