कोटा मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि झालावाड़ निवासी तीन माह का शिशु 2 अक्टूबर को अस्पताल में खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत पर भर्ती हुआ। शिशु का सैंपल 9 अक्टूबर को लिया गया, जिसमें मेडिकल कॉलेज लैब ने एचएमपीवी वायरस की पुष्टि की। इसके बाद शिशु का विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चला।
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13 दिनों के उपचार के बाद शिशु स्वस्थ होकर 14 अक्टूबर को डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. सक्सेना ने बताया कि यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। समय पर उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने आमजन को सलाह दी है कि संक्रमण के लक्षणों पर ध्यान दें और सावधानी बरतें।HMPV लक्षण
हल्के मामले: सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणगंभीर मामले: निमोनिया या ब्रोन्कोन्यूमोनिया
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क्या उपाय कर सकते हैं
– हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।– बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें।
– बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को छूने से बचें।
– खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढकें।
– बीमार होने पर घर पर ही रहें।
– दरवाजों के हैंडल, टेबल जैसी सतहों को नियमित रूप से साफ करें।