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कोटा

तेज बारिश में खेत हुए जलमग्न, पानी में डूबी कटी फसलें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे

सांगोद क्षेत्र में रविवार सुबह हुई तेज बारिश ने खेतों में जमकर तबाही मचाई। कई गांवों में पन्द्रह से बीस मिनट तो कई गांवों में आधे से एक घंटे तक तेज बारिश होने से खेत जलमग्न हो गए।

कोटाSep 29, 2024 / 06:56 pm

Kamlesh Sharma

कोटा। सांगोद क्षेत्र में रविवार सुबह हुई तेज बारिश ने खेतों में जमकर तबाही मचाई। कई गांवों में पन्द्रह से बीस मिनट तो कई गांवों में आधे से एक घंटे तक तेज बारिश होने से खेत जलमग्न हो गए। खेतों में कटी पड़ी फसलों के ढेर पानी में डूब गए। सूखकर कटने की स्थिति में खेतों में खड़ी फसलें भी कई जगह खेतों में आड़ी पड़ गई। बारिश थमने के बाद किसान खेतों में पहुंचे तो हर तरह बरबादी का मंजर देख माथे पर चिंता की लकीरे उभर आई।
इन दिनों क्षेत्र में सोयाबीन कटाई का दौर चल रहा है। अन्य फसलें भी खेतों में तैयार खड़ी है। कई जगह सोयाबीन की फसल कटाई के बाद ढेर सूखने के लिए खेतों में ही रखे हुए हैं। लेकिन बीते तीन दिनों से बिगड़ रहे मौसम ने किसानों की धडकऩें बढ़ा रखी हैं। रविवार सुबह कई गांवों में तेज बारिश से खेतों में फसलों के ढेर पानी में डूब गए। खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल भी भीग गई। कई खेतों में धान की फसल भी आड़ी पड़ गई। जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होगा।

अब तो राम का भी नहीं साथ

किसानों ने बताया कि राज की व्यवस्थाओं से तो किसान त्रस्त है, अब बीते कई सालों से राम भी किसानों से रूठा हुआ है। किसान मांगीलाल रेगर, जगन्नाथ माली, जानकी लाल आदि ने बताया कि बीते एक दशक ने प्रकृति की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कभी फसलें पानी को तरसती रहती है तो कभी जब जरूरत नहीं होती तब खेतों में बारिश बरबादी का मंजर पैदा कर देती है। हालत यह है कि अब खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है।

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