href="https://www.patrika.com/kota-news/prime-minister-narendra-modi-will-inaugurate-hanging-bridge-1-1735091/" target="_blank" rel="noopener">प्रधानमंत्री
href="https://www.patrika.com/topic/narendra-modi/" target="_blank" rel="noopener">नरेंद्र मोदी 29 अगस्त को करेंगे हैंगिंग ब्रिज का उदघाटन ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर परियोजना में चम्बल नदी पर 213.58 करोड़ रुपए की लागत से बने 350 मीटर लंबे देश के तीसरे हैंगिंग ब्रिज (केबल स्टे ब्रिज) का 29 अगस्त को प्रधानमंत्री href="https://www.patrika.com/topic/narendra-modi/" target="_blank" rel="noopener">नरेंद्र मोदी href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा से करीब 300 किलोमीटर दूर बैठकर href="https://www.patrika.com/topic/Udaipur/" target="_blank" rel="noopener">उदयपुर से उदघाटन करेंगे। उदघाटन के तुरंत बाद पर ब्रिज पर यातायात शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन इन सबके बीच ब्रिज की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। जिससे सूबे की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है।
हुंडई की गारंटी पर चालू होगा ब्रिज एनएचएआई राजस्थान के सीजीएम मुकेश कुमार जैन ने बताया कि निर्माण करने वाली कंपनी हुंडई ने लिखकर दिया है कि छह साल तक ब्रिज की गुणवत्ता को लेकर वह पूरी गारंटी ले रहे हैं। इस दौरान इस ब्रिज को कुछ नहीं होगा। उन्होंने बताया कि विभाग ने परिवहन मंत्रालय को यह जानकारी लिखकर दे दी है। हालांकि हैंगिंग ब्रिज की लोड टेस्टिंग रिपोर्ट को एनएचएआई पहले ही फेल कर चुकी है।
पीएम के दौरे से पहले आ जाएगी रिपोर्ट सीजीएम मुकेश जैन ने बताया कि एनएचएआई की कंस्टलेंट फर्म लूइस बर्जर के यूएसए में बैठे उच्चाधिकारी ब्रिज की लोड टेस्टिंग रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं। वे पीएम मोदी के लोकार्पण करने के पहले ही अपनी रिपोर्ट दे देंगे। इसके साथ ही एनएचएआई ब्रिज पर यातायात शुरू करने से लोड टेस्टिंग का ट्रायल भी कर लेगी। लेकिन, जब उनसे इन सब कामों पर खर्च होने वाले समय की जानकारी मांगी गई तो वह चुप्पी साध गए। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि महज छह दिनों में एनएचएआई सारी टेस्टिंग कैसे कर लेगी।
उदघाटन के लिए सुरक्षा ताक पर एनएचएआई ने उदघाटन के लिए हैंगिंग ब्रिज की सुरक्षा को भी ताक पर रख दिया है। अभी तक हैंगिंग ब्रिज पर कैमरे इंस्टॉल नहीं हो सके है और उदघाटन से पहले यह काम पूरा होने की भी कोई संभावना नहीं है। इतना ही नहीं ब्रिज पर टोल प्लाजा बनने में भी अभी दो महीने लगेंगे और उससे भी बड़ी चुनौती होगी ओवरलोड वाहनों की आवाजाही रोकना। इसके लिए हैंगिंग ब्रिज पर लगने वाली वे इन मशीनें अभी तक इंस्टॉल नहीं हो पाई हैं। ऐसे में ब्रिज की सुरक्षा गार्डों के भरोसे ही रहेगी। जिससे हादसे होने की आशंका बनी रहेगी। हैंगिंग ब्रिज का मेंटिनेंस और ऑपरेशन गैमन के जिम्मे है।