कोटा

सावधान! बच्चेदानी निकलवाने से बचें महिलाएं, हो सकता है इतना बुरा की आप सोच भी नहीं सकते

ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों में मामूली गायनिक परेशानी में भी महिलाओं की बच्चेदानी निकालने की धारणा बन गई है। इससे बचना बेहद जरूरी है।

कोटाNov 26, 2017 / 10:02 pm

​Zuber Khan

कोटा . ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों में मामूली गायनिक परेशानी में भी महिलाओं की बच्चेदानी निकालने की धारणा बन गई है। इससे बचना होगा। हर स्थिति में बच्चेदानी को निकालने की आवश्यकता नहीं है। आजकल कई तकनीक आ गई है, जिसकी बदौलत बच्चेदानी को सुरक्षित रखा जा सकता है। यह कहना है स्त्री रोग विशेषज्ञों का। राजगायनिकॉन सोसाइटी एवं स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग कोटा के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय गायनेकोलॉजिस्ट्स कार्यशाला में देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंचे गायनेकोलॉजिस्ट्स ने महिलाओं की बच्चेदानी की सुरक्षा की जरूरत बताई। रविवार को न्यू मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में कार्यशाला का समापन हुआ।
 

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कार्यशाला में सुपर गायनेकोलॉजिस्ट्स डॉ. नलिनी मिश्रा ने महिलाओं मेंरक्तस्त्राव रोकने में बैलुन पद्धति व्याख्यान दिया। कार्यशाला में सोसायटी के चीफ एडवाइजर डॉ. आरपी रावत, ऑर्गनाइजिंग सचिव डॉ. प्रिया गुप्ता, डॉ. दीपिका खंडेलवाल, डॉ. देशदीपक, विशाल पंचोली समेत अन्य राज्यों के चिकित्सक मौजूद रहे।
 

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दो दिन में हुए 160 लेक्चर

डॉ. राजश्री दीपक गोडकर ने बताया कि कार्यशाला में दो दिन में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 160 लेक्चर हुए है। रविवार को 28 लेक्चर हुए है। इनमें एक विशेषज्ञ चिकित्सक के 15-15 मिनट के लेक्चर हुए। इनके बाद तीन-तीन मिनट डिस्कशन हुआ।
 

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ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस 17 से ओडि़सा में

अखिल भारतीय गायनेकोलॉजिस्ट्स संस्था के ऑर्गनाइजिंग सचिव एचपी पटनायक ने बताया कि अखिल भारतीय गायनेकोलॉजिस्ट्स की (फोकसी) कॉन्फ्रेंस १७ से २१ जनवरी तक ओडि़सा में होगी, जिसमें करीब १० हजार विशेषज्ञ जुटेंगे। इस बार चार सब्जेक्ट पर मंथन होगा। इसमें महिलाओं के बार-बार गर्भापात के कारण व निवारण, महिला के बांझपन, नए आधुनिक गर्भनिरोधक पद्धति, गायनेकोलॉजिस्ट्स अपने एक्सपर्ट काम के अलावा अन्य कामों को प्राथमिकता देने पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में पहली बार राजनैतिक, एडवोकेट, वित्त मैनेजर, टेक्निकल एक्सपर्ट भी रहेंगे। मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय की सिस्टर शिवानी और पूड्डूचेरी के विख्यात फिलोसोपर मनोजदास रहेंगे।
 

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