ट्रांसपोर्ट कम्पनीज एसोसिएशन की ओर से बुधवार को गोबरिया बावड़ी स्थित पुरुषार्थ भवन में ई-वे बिल पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में सौ से अधिक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी शामिल हुए। जिन्होंने ई-वे बिल से कारोबार में होने वाली कई समस्याएं बताईं, जिनका राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग के अधिकारियों ने संतोषप्रद जवाब दिया।
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विभाग की हेल्प डेस्क के अधिकारी उमंग नंदवाना ने व्यापारियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से ई-वे बिल सम्बंधी जानकारी दी। साथ ही बताया कि 50 हजार की लागत के माल का अंतरराज्यीय परिवहन होता है तो खरीददार को ई-वे बिल के लिए ऑनलाइन पंजीयन अनिवार्य है। खरीददार ई-वे बिल नहीं लेता है माल बेचने वाले को लेना होगा। अगर दोनों ही नहीं लेते हैं तो ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को ऑनलाइन ई-वे बिल जनरेट करना अनिवार्य है। ई-वे बिल के बिना किसी भी उत्पाद का अंतरराज्यीय परिवहन नहीं हो सकेगा। यह ई-वे बिल एसएमएस या मोबाइल एप के माध्यम से भी ऑनलाइन बनाया जा सकता है। साथ में निरस्त भी कराया जा सकता है। अपंजीकृत डीलर आधार कार्ड, पेन कार्ड के माध्यम से भी ई-वे बिल बना सकते हैं।
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एसोसिएशन ऑफिस में शुरू होगी हेल्प सेंटर
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष जेपी शर्मा व सचिव चंद्रशेखर रामचंदानी ने ई-वे बिल को लेकर एसोसिशन कार्यालय में हेल्प सेंटर खोलने का आश्वासन दिया। सेमिनार में दो दर्जन से अधिक ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने ई-वे बिल के लिए ऑनलाइन आईडी भी बनवाई। सहमंत्री निगम शर्मा ने आभार व्यक्त किया।
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एक फरवरी से होगा प्रभावी राज्य वस्तु एवं सेवाकर उपायुक्त अवधेश पराशर ने बताया कि जीएसटी कांउसिल ने देश में ई-वे बिल 16 जनवरी से प्रायोगिक तौर लागू किया जा रहा है। वहीं एक फ रवरी से इंटर स्टेट ई-वे बिल लागू कर दिया जाएगा। एक जून को इंट्रा स्टेट में भी ई-वे बिल लागू कर दिया जाएगा।