Weather Update…गांधी सागर डैम के रविवार को खोले जाएंगे गेट, राजस्थान में हाई अलर्ट
कोटा। राजस्थान और मध्यप्रदेश में चम्बल नदी के ऊपरी क्षेत्र में रविवार को भी भारी बारिश का दौर जारी है। इसके चलते चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर के दोपहर 12.30 बजे स्लूज गेट खोले जाएंगे। इससे 95854 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होगा । मध्यप्रदेश ने राजस्थान के लिए अलर्ट जारी किया है। गांधी सागर बांध की कुल जल भराव क्षमता 1312 फीट है। इसके मुकाबले 1309 फीट करीब पहुंच गया है। साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। जबकि गांधी सागर बांध की डिस्चार्ज की कुल क्षमता ही साढ़े चार लाख क्यूसेक की है। जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भारत रत्न गौड़ ने बताया कि गांधी सागर में पानी छोड़ने का शेड्यूल आ गया है। इसके चलते बांधों में पानी छोड़ने की तमाम तैयारियां शुरू कर दी है। हमने भी चम्बल के समस्त डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में आने वालें जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। इसमें कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, धौलपुर तक अलर्ट जारी किया गया है। चम्बल का दूसरा बड़ा बडा बांध राणा प्रताप सागर बांध कुल भराव क्षमता से आठ फीट खाली है। इसलिए पहले इस बांध को पूरा भरा जाएगा। इसके बाद गांधी सागर से पानी के डिस्चार्ज की समीक्षा होगी। – यदि इसके बाद भी गांधी सागर में पानी की आवक लगातार जारी रहती तो फिर आरपीएस, जवाहर सागर और कोटा बैराज के गेट खोले जाएंगे। – कोटा बैराज के दो गेट खोलकर 20 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। बैराज की कुल जल निकासी की क्षमता साढे सात लाख क्यूसेक है। सितम्बर में पहली बार गांधी सागर में दो दिन में इतना पानी आया है।
झालावाड़ झालावाड़ जिले में कई जगह रविवार सुबह 10 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ,अभी रिमझिम बारिश हो रही!
जिले में मौसम विभाग ने रविवार को बारिश का हाई अलर्ट जारी किया हुआ है। कालीसिंध बांध के 6 गेट 20.0 मीटर खोलकर 73185 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
माही के 16 गेट खोले
डूंगरपुर. क्षेत्र में पिछले दो दिनों से तेज बारिश के साथ माही डेम के 16 गेट व सोम कमला आम्बा बांध के 2 गेट खोलने से बेणेश्वरधाम टापू में तब्दील होने से धाम का साबला ,गनोड़ा व वालाई तीनो पुलों से संपर्क कर गया है। ऐसे में धाम के मंदिर पुजारी,दुकानदार सहित श्रद्धालुओं करीब 48 लोग फंसे हुए हैं। फिलहाल सभी सुरक्षित है। वही उदयपुर बांसवाड़ा को जोड़ने वाला माही लसाड़ा पुल पर भी पानी की चादर चलने से मार्ग बाधित हो गया।