कार्यक्रम की शुरुआत मेडिकल कॉलेज परिसर से हुई, जहां डॉक्टर्स ने अपने पहले साल के क्लासरूम, एनाटॉमी लैब और डिसेक्शन हॉल का दौरा किया। एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिमा जायसवाल और डॉ. कल्पना मखीजा ने उनके अध्ययन के दिनों की यादें ताजा कराईं। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में मुख्य कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना ने की।इस मौके पर 1999 बैच के छात्रों ने अपने शिक्षकों का सम्मान किया। सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा, पूर्व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एमसी बंसल, और अन्य वरिष्ठ शिक्षकों को मोमेंटो और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। शिक्षकों ने भी छात्रों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर आशीर्वाद दिया। रीयूनियन के दौरान छात्रों ने अपने साथी दिवंगत मोहित शर्मा की स्मृति में मेडिकल कॉलेज को एक वाटर कूलर भेंट किया। यह पहल सभी के लिए भावुक कर देने वाली थी।
मनोरंजन और रंगारंग कार्यक्रम
कार्यक्रम का दूसरा दिन झालावाड़ रोड स्थित होटल में हुआ, जहां रंगारंग प्रस्तुतियों ने सभी को रोमांचित कर दिया। डॉक्टर्स और उनके परिजनों ने डांस, गायन और खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। कनाडा, दिल्ली, अमृतसर, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और अन्य स्थानों से आए बैचमेट्स ने अपने अनुभव साझा किए। विदेश से आए बैच के स्टूडेंट डॉ. मीनाक्षी सलारिया, डॉ. आनंद कृष्ण भराली, डॉ. वनिता ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। कार्यक्रम के अंत में केक काटकर सभी ने इस खास मौके को सेलिब्रेट किया।
कार्यक्रम का दूसरा दिन झालावाड़ रोड स्थित होटल में हुआ, जहां रंगारंग प्रस्तुतियों ने सभी को रोमांचित कर दिया। डॉक्टर्स और उनके परिजनों ने डांस, गायन और खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। कनाडा, दिल्ली, अमृतसर, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और अन्य स्थानों से आए बैचमेट्स ने अपने अनुभव साझा किए। विदेश से आए बैच के स्टूडेंट डॉ. मीनाक्षी सलारिया, डॉ. आनंद कृष्ण भराली, डॉ. वनिता ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। कार्यक्रम के अंत में केक काटकर सभी ने इस खास मौके को सेलिब्रेट किया।
यादों का सफर… 1999 बैच के छात्र डॉ. राजेश सामर ने कहा, “यह केवल एक रीयूनियन नहीं था, बल्कि यादों को फिर से जीने का मौका था।” वहीं, डॉ. योगेश गौतम ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने में सीनियर डॉक्टर्स डॉ. मथुरा गुप्ता और डॉ. अभिनव शर्मा का विशेष योगदान रहा। सिल्वर जुबली रीयूनियन ने डॉक्टर्स को न केवल उनके पुराने दोस्तों से मिलने का अवसर दिया, बल्कि उन्हें अपने शिक्षक और कॉलेज के साथ एक बार फिर से जुड़ने का मौका भी दिया।