दीपावली की रौनक कोटा में बिखरने को है। 17 अक्टूबर को धनतेरस के साथ दीपोत्सव की धूम शुरू हो जाएगी। शहर और बाजार दीपोत्सव की अगुवानी को तैयार है। बच्चों में आतिशबाजी को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। नन्हे मुन्नों के लिए तो जैसे चिटपिटी, फुलझडि़यों के संग दीपावली आ ही गई है। आतिशबाजी विक्रेताओं की मानें तो इस बार आतिशी नजारे खास होंगे। चाइनीज नहीं, देसी आतिशबाजी आसमां को रोशन करेंगी। रावण और मिर्च बम दिल को दहलाएंगे तो रंग बिरंगी 50-50 फूलझडि़यां और पोप पोप बच्चों के दिल को बहलाएंगे। बाजार में 5 रुपए के पटाखे से लेकर 3 हजार व इससे अधिक राशि की आतिशबाजी उपलब्ध हैं। दुकानदारों के अनुसार, आतिशबाजी पर जीएसटी का असर है, लेकिन सीजन में शहर भर में 30 से 35 करोड़ का व्यापार होने की संभावना है।
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इनसे सजे बाजार डोरीमोन, हॉट गर्ल, बग्सबन्नी, मारियो, लाइटिंग थंडर एेसी आतिशबाजी हैं, जो आसमां में 60 से 65 फीट का घेरा बनाकर लुभाएंगी। इनके अलावा 2 शॉट से 240 शॉट वाली आतिशबाजी भी है। रावण व मिर्च बम की बाजार में खासी डिमांड है। बच्चों के लिए रोशनी, सीटी वाली चकरी, दो रोशनी से लेकर 100 सेमी लंबाई की देर तक मनोरंजन करने वाली फुलझडि़यां हैं। बटर फ्लाई, नाइन शॉट भी बच्चों को खासे भा रहे हैं। इनके अलावा चिटपिटी चलाने के लिए विशेष गन भी बाजार में है।
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जीएसटी का असर विक्रेताओं के अनुसार, जीएसटी में 28 फीसदी की स्लैब में रखने से आतिशबाजी 10 से 15 फीसदी महंगी हुई है। बिक्री पर इसका असर निश्चित रूप से पड़ रहा है। दुकानदारों की मानें तो खुद लोग आगे होकर कहते हैं कि उन्हें चायनीज नहीं, देसी पटाखे चाहिए। शहर से चायनीज आतिशबाजी का बाजार 60 फीसदी कम हुआ है।
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पूजा के लिए भी पटाखे पूजन के समय घर में बम व फुलझड़ी चलाना मुश्किल खड़ी कर सकता है, लेकिन इस बार बाजार में पूजा के लिए भी विशेष आतिशबाजी उपलब्ध हैं। पूजा के फूल आतिशबाजी देवी के पूजन के समय फूल बिखेरकर देवी की अगुवानी करेगी।