दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बुधवार सुबह करीब 8 बजे दौड़ती मालगाड़ी के इंजन में आग लगने से कोटा मंडल में हडक़ंप मच गया। कोयले से भरी मालगाड़ी रतलाम की ओर से कोटा आ रही थी। इसी बीच कंवलपुरा और दरा स्टेशन के बीच मालगाड़ी के इंजन में आग लग गई। जैसे ही इसका पता चला तो लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी और आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आगे तेजी से पूरे इंजन में फैल गई। चालकों ने इंजन में रखे फायर फाइटिंग सिस्टम का प्रयोग करके आग को बढऩे से रोकने का भरसक प्रयास किया। आग की लपटों को साथ धुएं का गुबार देख आसपास के लोग भी एकत्र हो गए। वे भी मिट्टी डालकर आग बुझाने का प्रयास करने लगे। इसकी सूचना नियंत्रण कक्ष को दी गई और दमकल बुलाई।
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80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ रही थी मालगाड़ी मालगाड़ी के इंजन में आग की सूचना में अप और डाउन का यातायात रोक दिया गया। इस कारण कई यात्री ट्रेनें रास्ते में अटकी रहीं। रेलवे सूत्रों के अनुसार जिस समय मालगाड़ी के इंजन में आग लगी तब उसकी रफ्तार करीब 80 किमी प्रति घंटे थी। यह थर्मल में कोयला लेकर आ रही थी। रेल प्रशासन की ओर से आग लगने के कारणों को पता लगाया जा रहा है। आग बुझने तक अधिकारी नियंत्रण कक्ष में बैठक मौके से रिपोर्ट लेते रहे। बाद में कोयले से भरी मालगाड़ी को लेने के लिए दूसरा इंजन भेजा गया।
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तो हो जाता बड़ा हादसा यदि लोको पायलट ट्रेनों को रोकने में थोड़ी भी देर कर देते और दमकल नहीं पहुंचती तो बड़ा हादसा हो सकता था। आग मालगाड़ी में भरे कोयल में भी लग सकती थी। वहीं क्रू के भी हादसाग्रस्त होने का खतरा था। रेलवे अधिकारियों के अनुसार चालक दली सुझबूझ से आग पर काबू पा लिया गया और बड़ा हादसा टल गए।
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ये ट्रेनें हुई लेट मुंबई सेन्ट्रल-जयपुर सपुरफास्ट एक्सप्रेस 2 घंटे 15 मिनट, पारसनाथ एक्सप्रेस 1 घंटे 35 मिनट, गोवा संपर्क क्रांति 1 घंटे 40 मिनट और मुंबई-अमृसर स्वर्ण मंदिर मेल 52 मिनट विलम्ब हुई। देहरादून एक्सप्रेस को रावंठा रोड स्टेशन पर रोक लिया गया। पारसनाथ एक्सप्रेस को रामगंजमंडी स्टेशन पर खड़ा किया गया।