पत्रिका ने उठाया था मामला- राजस्थान पत्रिका के 9 अगस्त के अंक में ‘यह कैसी नि:शुल्क शिक्षा: बच्चों से वसूल रहे 3000 रुपए तक शुल्क’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामले को प्रमुखता से उठाया था। खबर में बताया गया था कि नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE ACT) के तहत इस तरह की वसूली नहीं की जा सकती है। ज्ञात है कि जयपुर, कोटा व सीकर में बच्चों से मनमाने तरीके से विकास शुल्क की वसूली की गई। अन्य जिले भी इस वसूली की तैयारी में थे।
निदेशक कर रहे मॉनिटरिंग- बीकानेर शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी खुद इस मामले की पूरी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कोटा के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) प्रदीप चौधरी से शुल्क वसूली की पूरी जानकारी ली। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक केके शर्मा ने गुमानपुरा अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के नोडल अधिकारी के जरिए कोटा जिले के सभी 6 विद्यालयों से बच्चों से वसूले गए शुल्क को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। विद्यालयों की ओर से विभाग को यह रिपोर्ट सोमवार को सबमिट की जाएगी। इसके बाद शिक्षा विभाग अग्रिम कार्रवाई करेगा।