कोटा

जलती चिता के सामने सिर झुकाए खड़े परिजनों को है खौफ, कहीं पीछे से आकर हमला न कर दे वो…

शहर के मुक्तिधाम परिसर में जलती चिता के सामने नतमस्तक खड़े परिजनों को हर पल डर सताता है की वो पीछे से आकर उन पर हमला न कर दे।

कोटाJan 04, 2018 / 09:31 am

​Zuber Khan

कोटा . शहर का सबसे व्यवस्थित माना जाने वाला किशोरपुरा मुक्तिधाम भी इन दिनों बदहाली का शिकार है। इंफ्रा स्ट्रक्चर के लिहाज़ से यहां कोई परेशानी नजर नहीं आती, लेकिन आवारा पशुओं ने पूरा मुक्तिधाम अस्त-व्यस्त कर रखा है। मुक्तिधाम के अंतिम संस्कार स्थल तक गायों, श्वानों की पहुंच हो गई है। इससे शोकाकुल परिवार असुरक्षित महसूस करते हैं। चिता के सामने नतमस्तक खड़े परिजनों को हर पल यही डर लगा रहता है कि कहीं पीछे से कोई गाय हमला न कर दे।

सामग्री खाने लपकती हैं
गायें यहां तीये की रस्म में परोसी जानी वाली सामग्री खाने के लिए लपकती हैं। इसमें मौक़े पर मौजूद लोग चपेट में आ जाते हैं। दिनभर यहां कई लोग गायों के शिकार होते रहते हैं। शुक्र है, अब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
 

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गंदगी भी
गायों और श्वानों के कारण गंदगी भी फैल रही है। जहां तहां गोबर फैला रहता है। इससे भी लोगों को परेशानी हो रही है।


बंदर भी बेकाबू
अंतिम संस्कार स्थल को जालीदार बनाया गया है, लेकिन बंदर फि र भी भीतर घुस जाते हैं। ये भी शवदाह सामग्री से छीना-झपटी करते हैं।
 

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व्यवस्थाएं सुधारेंगे
शहर का सबसे महत्वपूर्ण मुक्तिधाम किशोरपुरा का है। व्यवस्थाएं सुधारने का पूरा प्रयास किया जाएगा। आवारा मवेशी घूमते से शोकाकुल परिजनों की भावनाएं आहत होती हैं। वहां स्थाई गार्ड लगाए जाएंगे। महेश गौतम, अध्यक्ष, राजस्व समिति, नगर निगम
 

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परेशानी ऐसी भी इलेक्ट्रिक शवदाह भी बाधित
मुक्तिधाम पर इलेक्ट्रिक शवदाह की प्रक्रिया भी आए दिन बंद रहती है। मंगलवार, बुधवार को भी मरम्मत के नाम पर मशीन को बंद रखा गया।
 

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काउ कैचर और गार्ड लगाएं तो बेहतर
बुधवार को इन समस्याओं से दो चार हुए यहां अंतिम संस्कार करने आए परिजनों और अन्य लोगों ने सुझाव दिया कि गायों को रोकने के लिए मुक्तिधाम के मुख्यद्वार पर काऊ -कैचर लगा दिए जाएं तो राहत मिल सकती है। पशुओं को रोकने के लिए गार्ड भी तैनात किए जा सकते हैं।

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