रेलवे सभी टिकटों का पूरा पैसा लौटाएगी, रिफंड करने के लिए बनाई व्यवस्था सूत्रों ने बताया कि एफसीआई की ओर से सभी राज्य सरकारों को जितने गेहूं और चावल की जरूरत है, वह अपनी मांग बताकर क्षेत्रीय कार्यालय से निश्चित दर पर लेने के संबंध में पत्र भेजा है। एफसीआई ने कहा कि गेहूं और चावल की आकस्मिक कमी को देखते हुए राज्यों में कोई भी खरीदार निर्धारित दरों पर ले सकता है। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम की ओर से गेहूं और चावल की आपूर्ति के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। आदेश के तहत गेहूं का रिलीज आदेश किसी आटा मिल, चक्की, रोलर फ्लोर मिल को दिए जाने पर उनसे उत्पादित आटे की उचित बिक्री दर जिला कलक्टर, जिला रसद अधिकारी की ओर से निर्धारित की जाएगी।
मनमानी पर लगेगा अंकुश लॉकडाउन के दौरान आटे की कालाबाजारी शुरू हो गई थी। दुकानदार 20 से 22 रुपए किलो बिकने वाले आटे को भी 40 रुपए किलो बेच रहे थे। बाजार में पर्याप्त मात्रा में गेहूू की उपलब्ध होने पर आटे के दाम नियंत्रित हो जाएंगे।
‘बड़ा दिल दिखाएं निजी स्कूल, तीन माह का शुल्क माफ करें’ आपदा की इस घड़ी में हमारा प्रयास है कि कोई भी जरूरतमंद भूखा नहीं सोए, इसके लिए जनभागीदारी से कोटा- बूंदी संसदीय क्षेत्र में जरूरतमंदों को राशन सामग्री के किट और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में जमा गेहू और चावल को आटा निर्माताओं को देने की व्यवस्था करने के संबंध में बात की थी।
ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष
ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष