कोटा

किसानों से लोहे के ‘चने’ चबवा रही सरकार…

समर्थन मूल्य पर सरसों-चना खरीद के बाद अब सरकार किसानों को भुगतान नहीं कर लोहे के चने चबवा रही है।

कोटाApr 21, 2018 / 09:09 pm

Haboo Lal Sharma

lohe ke chane chabva rahi sarkar

कोटा . समर्थन मूल्य पर सरसों-चना खरीद के बाद अब सरकार किसानों को भुगतान नहीं कर लोहे के चने चबवा रही है। ऐसे में किसान रोजाना कभी क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के तो कभी राजफैड के अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी भी उच्च स्तर पर भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नैफेड से पेमेंट नहीं आने के कारण किसानों का भुगतान अटका पड़ा है।
मंडी में चना बेचने आए कुराड़ के किसान ओम नागर, चारचौमा क्षेत्र के गोविंद ने बताया कि खरीद केंद्र चालू हुआ तब से लेकर अब तक वे अलग-अलग जमीन में उत्पादित हुए चने को तीन बार तुला चुका है, लेकिन तीनों बार तुलाए गए चने का भुगतान नहीं हुआ। भुगतान नहीं होने के कारण शादी ब्याह का खर्च भी उधार लेकर चलाना पड़ रहा है।

2.03 लाख क्विंटल चना व 58 हजार क्विंटल सरसों की खरीद
राजफैड ने कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिले में समर्थन मूल्य के खरीद केंद्र संचालित कर अब तक 2 लाख 3 हजार क्विंटल चना व 58 हजार मीट्रिक टन सरसों की खरीद की है। पहले तो नैफेड ने गुणवत्ता अमानक बताते हुए चना भंडारित करने से मना कर दिया। बाद में कृषि मंत्रालय की ओर से संशोधन कराने के बाद पूरा चना जमा हो पाया।

नैफेड को भेज दी रिपोर्ट, बजट आने में लगेगा समय
राजफैड के जयपुर मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि गोदामों में चना-सरसों जमा कराकर नैफेड को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। जहां से अभी तक भुगतान का बजट नहीं आया है। नैफेड, राजफैड स्वायत्तशासी संस्थाएं हैं, जिनके पास स्वयं का बजट तो होता नहीं है। सरकार द्वारा बजट जारी करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।

चना व सरसों के भुगतान के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक मुख्यालय से पेमेंट नहीं आया है। पेमेंट आते ही किसानों के खातों में रुपए डाल लिए जाएंगे। इसके लिए पहले ही सभी के खाते नम्बर लिए जा चुके।
नरेश शुक्ला, क्षेत्रीय अधिकारी, राजफैड, कोटा

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