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गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने किसानों को रात के समय दी जाने वाली बिजली को दिन में देने के लिए मुहिम चलाई थी। विद्युत निगम ने कुछ जगहों पर बिजली का समय बदला लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां किसानों को फसलों में पानी देने के लिए बिजली रात को ही मिल रही है। ऐसे में किसान सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। रातभर वे पानी के बीच खड़े रहकर फसलों को पानी दे रहे हैं। रात से लेकर अलसुबह तक सर्दी का जोर ज्यादा हो जाता है। ऐसे में शरीर में खून जमा जाता है। इससे कई तरह की बीमारियां हो जाती है। साथ ही मौत का खतरा बना रहता है।
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प्रदेश में पारा जमाव बिंदू तक पहुंचा
राजधानी सहित प्रदेश भर में सर्दी का सितम तेजी से बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में पारा जमाव बिंदू तक पहुंच गया। फतेहपुर में तापमान -0.8 डिग्री के साथ प्रदेश में सबसे कम रहा, जबकि चूरू में 1.6 डिग्री तापमान रहा। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल शीतलहर से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। दो दिन बाद बादलों की आवाजाही होगी।