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उनके पति का देहांत होने के बाद वे अपने बेटे के पास रहती थी लेकिन बेटी से लगाव ज्यादा होने के कारण वह सीमा के पास कोटा आईं थी। यहां बुधवार को अचानक तबीयत खराब होने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी मौत हो गई। सीमा ने मां के नेत्र दान कराने की इच्छा जाहिर की तो उनके पति दिनेश ने शाइन इंडिया से सम्पर्क कर मां का नेत्रदान करवाया।
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आखिरी मुकाम से पहले जिन्दगी को किया रोशन
इधर, सड़क सुरक्षा का संदेश देने वाले रेलवे वर्कशॉप कॉलोनी निवासी वीरेंद्र उर्फ सचिन (38) का गुरुवार को निधन हो गया। दूसरों की मदद को तत्पर रहने वाले सचिन का परिजनों की सहमति के बाद नेत्रदान लिया गया।
शाईन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों में मुक्तिधाम में जाकर नेत्रदान लिया। सचिन पीओपी कार्य में कुशल था तथा उसने सड़क सुरक्षा का संदेश देने के लिए परिजात कॉलोनी में 10 फीट का पीओपी से हेलमेट बनाया था।
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सचिन के भाई प्रवीण वर्मा ने बताया कि परिवार में से ही कुछ लोगों ने उसके मरणोपंरात नेत्रदान के लिए शाईन इंडिया फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य इंद्रपाल को संपर्क कर लिया था। उनके कहने पर संस्था के सदस्य 20 मिनट में स्टेशन स्थित निवास स्थान पर पहुंच गए। लेकिन सचिन की पत्नी-भाभी आदि ने मना कर दिया। लेकिन समझाइश के बाद वह मान गए। इसके बाद नेत्रदान काला तालाब मुक्तिधाम में लिया गया।