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यहां के लोग मंगलवार शाम तक चिमनी की रोशनी पर निर्भर थे, लेकिन रात तक बिजली चालू हुई तो गांव जगमग हो उठा। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची है। रोशनी का बल्ब जलता देखकर ग्रामीणों की खुशी का ठिकान नहीं है। ग्रामीणों ने एक जाजम पर बैठकर शासन और प्रशासन का बिजली पहुंचाने के लिए आभार जताया है।
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खानपुरया गांव में 50 घरों की आबादी है, जिसमें से करीब 40 घर भील समुदाय के है। दस घर गुर्जरों के है। मंगलवार रात को बिजली चालू की तो लोगों ने खुशियां बनाई। गांव रौशनी से जगमग हो गया। इस मौके पर विद्युत निगम के कर्मचारी भी मौजूद थे। विद्युत निगम के कर्मचारियों ने 1700 रुपए लेकर 45 कनेक्शन जारी किए।
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सरपंच सीताराम चावडिय़ा ने बताया कि मंगलवार शाम तक घरों में चिमनी से ही उजाला होता था। रात के समय बच्चों को पढ़ाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चिमनी की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ती थी। अब बिजली मिलने से काफी परेशानियों का समाधान हो जाएगा।
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इस मौके पर जगदीश हाड़ा, पूर्व सरपंच प्रेमराज बंजारा, राजू तामड़ सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। गौरतलब है कि इससे पहले भी लुहावद पंचायत के एक गांव में भी आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची थी। ग्रामीणों ने बैंडबाजों के साथ रैली निकालकर प्रशासन का आभार जताया।