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ओखी साइक्लोन ने छुड़ाई राजस्थान की कंपकपी, चलने लगी शीतलहर, ठिठुरने लगे लोग कोटा में ड्रोन से होती है चंबल ब्रिज की निगरानी पश्चिम मध्य रेलवे का कोटा रेल मंडल पिछले कुछ दिनों से ट्रेन संचालन को सुगम बनाने और रेल संपत्ति एवं यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। कोटा रेल मंडल में कोटा जंक्शन के पास चंबल ब्रिज और डकानिया तलाब रेल यार्ड की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया गया है। जिसके नतीजे बेहद कारगर साबित हुए। जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने देश के सभी 17 रेल जोनों में ड्रोन कैमरों से सुरक्षा और निगरानी करने का फैसला लिया है।
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Dowry Case Kota: हर रोज एक बेटी को निगल जाता है दहेज का दानव, डॉ. राशि बढ़ाएंगी बेटियों का हौसला रेल मंत्रालय ने जारी किया आदेश पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से अब भारतीय रेलवे राहत एवं बचाव अभियान, ट्रेक निरीक्षण समेत विभिन्न मॉनिटरिंग के कामों के लिए ड्रोन कैमरों की तैनाती करेगा। नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य की तैयारी, भीड़ प्रबंधन, स्क्रैप की पहचान और स्टेशन यार्ड के हवाई सर्वेक्षण के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। कोटा रेल मंडल में ड्रोन के सफल इस्तेमाल के बाद रेल मंत्रालय ने सभी जोनल रेलवे को ड्रोन से निगरानी को लेकर पत्र लिखा है।
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राजस्थान में बुलंद हैं इन 2 गैंग के हौसले, गवाह को धमकाने के लिए कोर्ट में ही भिड़े रेलवे बढ़ाएगा आसमानी चौकीदारी ड्रोन कैमरों की उपयोगिता को देखते हुए रेल मंत्रालय ने ड्रोन के इस्तेमाल के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया है, ताकि कम समय में रेल सम्पत्तियों और परियोजनाओं की निगरानी की जा सके। जीआईएस प्लेटफार्म पर रेलवे ड्रोन के जरिए एरियल मैपिंग और वीडियोग्राफी कराएगा। इसके साथ ही रेलवे यात्रियो की सुरक्षा, निर्माण कार्यो की निगरानी और किसी भी वीआईपी के आगमन पर भी ड्रोन कैमरों की मदद से पैनी नज़र रख सकेगा। इतना ही नहीं रेल ट्रैक कहीं टूटा तो नहीं है, यात्रियों की भारी भीड़ मे कहीं किसी को कोई खतरा को पैदा नही हो गया है, इन तामाम सुरक्षा मसलों को भी रेलवे का आसमानी चौकीदार निपटाएगा। यहां तक कि रेल दुर्घटना के समय जल्दी राहत पहुंचाने और त्वरित कार्रवाई में रेलवे को ड्रोन से मदद मिलेगी।